
अंबेडकरनगर। रविवार के अवकाश से एक दिन पहले शनिवार को जिला अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी।पर्ची काउंटर पर लंबी लाइन लगने के दौरान मरीजों व तीमारदारों के बीच धक्कामुक्की की स्थिति रही। चिकित्सक कक्ष के सामने व दवा काउंटर पर लाइन में लगे मरीजों व तीमारदारों के बीच भी आपाधापी का माहौल दिखा। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस कर्मियों को बुलाना पड़ा। इसके बाद सुचारु रूप से मरीजों का इलाज सुनिश्चित हुआ।
गर्मी बढ़ने के साथ ही जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। सामान्य दिनों में जहां औसतन सात सौ से आठ सौ तक ओपीडी होती है तो वहीं किसी अवकाश के पहले व बाद में ओपीडी बढ़कर औसतन एक हजार के आसपास हो जाती है। रविवार के अवकाश से एक दिन पहले शनिवार को सुबह से ही मरीजों का जिला अस्पताल पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया।
10 बजे तक मरीजों व उनके तीमारदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। पर्ची काउंटर, दवा काउंटर व चिकित्सकों के कक्ष के सामने लंबी लाइन लग गई। आलम यह था कि ओपीडी के मुख्य गेट के बाहर तक लाइन पहुंच गई। बढ़ती भीड़ के बीच उस समय असहज सी स्थिति उत्पन्न हो गई जब पर्ची काउंटर पर लाइन में लगे कुछ मरीजों व तीमारदारों के बीच विवाद हो गया। उधर दवा काउंटर व चिकित्सकों के कक्ष के सामने लाइन में लगने वालों के बीच भी धक्कामुक्की होने लगी।
हंगामा बढ़ते देख वहां मौजूद जिम्मेदारों ने पुलिस कर्मियों को बुला लिया। दो पुलिस कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। साथ ही मरीजों व तीमारदारों को सुचारु रूप से लाइन में खड़ा किया। इसके बाद भी काफी देर तक आपाधापी की स्थिति बनी रही।
एक घंटे तक लगानी पड़ी लाइन
आशाजीतपुर निवासी मरीज मालती देवी ने कहा कि एक घंटा लग गया पर्ची कटवाने में तो अब दवा लेने के लिए एक घंटे से लाइन में लगे हैं। लाइन में खड़े-खड़े इस गर्मी में कई प्रकार की मुश्किलें हो रही हैं। भीड़ को देखते हुए न सिर्फ पर्ची बल्कि दवा काउंटर की संख्या भी बढ़ानी चाहिए।
बिना लाइन के भी कट रही पर्ची
टांडा से आंख के इलाज के लिए जिला अस्पताल आई पूनम ने कहा कि डेढ़ घंटे से लाइन में लगे हैं लेकिन अभी तक पर्ची नहीं कट सकी है। आरोप लगाते हुए कहा कि पहुंच वाले लोग बगैर लाइन के ही पर्ची कटवा रहे हैं। जब इसका विरोध किया गया तो उनके द्वारा अभद्रता की गई। न सिर्फ पर्ची काउंटर चार से बढ़ाकर छह किया जाए बल्कि कम से कम चार पुलिस कर्मियों की भी तैनाती की जाए।
सुचारु कर ली गई व्यवस्था
दोपहर तक मरीजों व तीमारदारों की भीड़ अधिक थी। इसे देखते हुए जरूरी प्रबंध किए गए। सभी मरीजों का सुचारु ढंग से उपचार भी कराया गया। किसी मरीज ने कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई है। -डॉ. ओमप्रकाश, सीएमएस