संवाददाता लोकेश राघव मथुरा *पुरुष आयोग की आवश्यकता क्यों* आज समाज में जहां महिला उत्पीड़न हो रहा है उसकी तुलना में पुरुष उत्पीड़न भी कम नहीं है। यदि महिलाओं के लिए 60 से ज्यादा कानून उपलब्ध है तो पुरुषों के लिए कानून क्यों नहीं है कहीं ना कहीं यह समानता के विरुद्ध है। *प्रताड़ित पुरुषों को भी न्याय मिलना चाहिए*। उनकी भी प्रताड़ना की जांच होनी चाहिए। इसीलिए *पुरुष आयोग बनना अब जरूरी हो गया है*। आइये हम सब *पुरुष आयोग की मांग का पुरजोर समर्थन करें*। अधिक से अधिक शेयर करें
मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण ऑर्गेनाइजेशन संगठन ने पुरुष आयोग बनाने के लिए एक सभा की बैठक बुलाई