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राहुल मिश्रा की रिपोर्ट लखीमपुर खीरी
धौरहरा खीरी। लखीमपुर शहर में आवास विकास परिषद द्वारा भले ही धड़ल्ले से प्लाटों की बिक्री की जा रही हो लेकिन प्लाटों की बिक्री कर मोटी रकम वसूलने के बाद आवास विकास परिषद लखीमपुर कब्जा दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है। ताजा मामला लखीमपुर खीरी शहर का है जहां आवास विकास परिषद द्वारा राजनगर योजना के तहत आवास विकास कॉलोनी लखीमपुर में प्लाटों की बिक्री की गई,लेकिन करीब डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी प्लाट खरीदने वाले लोगों को अभी तक आवास विकास परिषद कब्जा नहीं दिला सका। थाना खमरिया क्षेत्र के कस्बा खमरिया पंडित निवासी सुनील कुमार गुप्ता पुत्र गोवर्धन लाल गुप्ता का आरोप है कि समाचार पत्र में निविदा के माध्यम से आवासीय प्लाटों की जानकारी होने पर उनके द्वारा आवास विकास परिषद में 17-08- 2022 की आवंटन तिथि में प्लाट संख्या 200, रकबा करीब 127.50 वर्ग मीटर, 2720850 रुपये में खरीदा था। जिनकी रजिस्ट्री आवास विकास के संपत्ति प्रबंधक महबूब खान के जरिए करवाई गई थी। जिसका कब्जा पत्र 19- 08- 2023 को आवास विकास परिषद द्वारा जारी किया गया था। लेकिन आवास विकास परिषद द्वारा अभी तक खरीदे गए भूखंड पर कब्जा नहीं दिलाया गया है। जबकि प्लाट रजिस्ट्री के बाद सुनील कुमार द्वारा उक्त भूखंड पर घर बनवाने के लिए बैंक से लोन भी लिया गया है। पीड़ित से मोटी रकम वसूल करने के बाद भी आवास विकास परिषद द्वारा भूखंड पर कब्जा न दिलाने से पीड़ित दर-दर भटकने को मजबूर है। पूरे मामले की शिकायत पीड़ित द्वारा जन सुनवाई पोर्टल पर दर्ज करवा कर उक्त भूखंड पर कब्जा दिलवाने की मांग की गई है। सूत्रों की माने तो आवास विकास परिषद द्वारा कुल 13 भूखंडों की बिक्री की गई है। जिनमें अधिकांश लोगों को आवास विकास परिषद कब्जा दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है। जिससे स्पष्ट है कि करोड़ों रुपए अदा करने के बाद भी प्लाटों की खरीदारी करने वाले लोग अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। अब देखना यह है कि यूपी के मुखिया द्वारा त्वरित न्याय दिलाने के लिए बनाए गए जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद क्या कार्यवाही होती है।