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भू कानून व मूलनिवास निवास समन्वय संघर्ष समिति की बैठक सम्पन्न

देव भूमी के स्वाभिमान की लड़ाई है। भू कानून:डिमरी

आज उतराखंड  आए श्रीनगर  मे मूलनिवास  भू विधि समन्वय संघ समिति की विभिन्न विद्यार्थियों के साथ एक अहम बैठक हुई। जिसमें 10 मार्च 2024 को मूल निवास व भू कानून  लागू करने की माग को लेकर आन्दोलन के रूप रेखा पर बातचीत हुई, उतराखंड की राजधानी देहरादून  हल्दवानी व कोटद्वार  व पौडीगढवाल मे भू कानून  के सफल आन्दोलन के बाद  अब संघर्ष समिति’ ने 10मार्च  को श्रीनगर गढ़वाल मे आयोजित  करने का निर्णय लिया गया है, समन्यवक समिति  के अक्ष्यस  मोहित डिमरी ने कहा कि देव भूमी के स्वाभिमान की लड़ाई है। भू कानून

◾️प्रदेश में ठोस भू-कानून लागू हो।

◾️शहरी क्षेत्र में 250 वर्ग मीटर भूमि की सीमा लागू हो। 250 वर्ग मीटर जमीन एक ही को दी जाय, जो 25 साल से उत्तराखंड में व्यवसाय दे रहा हो या रह रहा हो।

◾️ग्रामीण क्षेत्र में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा।

◾️गैरसैनिकों द्वारा कृषि भूमि पर रोक लगा दी गई।

◾️पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के क्षेत्र की भूमि पर स्थायी रोक लगी हुई है।

◾️राज्य गठन के बाद वर्तमान तिथि से सरकार की ओर से विभिन्न जनता, एसोसिएशन, आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का नाम सार्वजनिक किया गया।

◾️प्रदेश में जलाशय पर्वतीय क्षेत्र में लीज वाले हिस्सेदार, मालदीव में भूमि अधिग्रहण या अधिग्रहण की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासियों का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाएगा।

◾️ऐसे सभी खिलाड़ियों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।

◾️सरकारी राज्य में संविधान के मूल अधिकार की धारा 16-ए के अनुसार राज्य विधानसभा में एक संकल्प अनुमति करे, जिसमें तृतीय और चतुर्थ श्रेणी सहित सभी धार्मिक स्थलों पर स्थानीय युवाओं के लिए पद अधिकार करे। इस तरह की व्यवस्था देश के चार राज्यों आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, हिमाचल और मुख्यालयों में है। यह अधिकार हमें संसद का अधिकार
है। इसके लिए राज्य सरकार को तुरंत एक संकल्प पत्र केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।

◾️राज्य में सभी धार्मिक स्थलों में स्थानीय समुद्रों की अनिवार्यता लागू की जाए सीधे जनता

AKHAND BHARAT NEWS

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