A2Z सभी खबर सभी जिले कीUncategorized

श्रीमद्भागवत कथा में हुआ श्रीकृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव का वर्णन

श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग पर भक्ति भाव से श्रद्धालु झूमे

बीकानेर

संवादाता दामोदर सारस्वत

जिले के खारड़ा गांव के हरिराम बाबा मंदिर में चल रही श्री मद्भागवत कथा के पांचवे दिन बुधवार को श्रद्धालु प्रश्न रंग में रंगे नजर आए। कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव आनंद और धूमधाम से मनाया गया। श्री कृष्ण की झांकियों ने सभी का मन मोह लिया।प्रसंग के दौरान श्रद्धालु नंदलाला प्रकट भए आज ब्रज में लडुआ बटे…, नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल…, आना आना रे आना नंदलाल आज हमारे आंगन में जैसे भजनों पर झूमते रहे, नंद और यशोदा के लाला की जय के उद्घोष तथा पांडाल में गूंजते रहे। जन्मोत्सव के उपरांत विधिवत कृष्ण पूजन के बाद मिठाई का वितरण किया गया।

कथा के पहले इसके पूर्व मंगलवार  को कथा की शुरुआत वली बामन प्रसंग से हुई। कथा वाचक सुनीता स्वामी  ने भागवत व्यास गद्दी से प्रभु भक्ति की महिमा बताते हुए कहा भगवान विष्णु राजा बलि को वामन अवतार में छलनी आते हैं।

Related Articles

वे राजा बलि से तीन पग जितनी भूमि मांग लेते हैं। राजा बलि के गुरु उनका साक्षात्कार ईश्वर से कराते हुए उन्हें संकल्प लेने से रोकते हैं। राजा बलि के आग्रह पर जब भगवान विष्णु वामन अवतार से अपने विराट स्वरूप में आकर दो ही पैर में संपूर्ण ब्रह्मांड को माप लेते हैं। राजा की परीक्षा लेते हुए पूछती है कि तीसरा पैर कहां रखूं अन्यथा नरक भेज दूं। राजा बलि ने अपने संकल्प की रक्षा करते हुए प्रभु भक्ति में भगवान से अपना तीसरा पैर उन पर रख उन्हें भक्त रूप में स्वीकार करने को कहा। राजा बलि के भक्त प्रेम के आगे स्वम भगवान हार गए और राजा बलि के महल का द्वारपाल बन उन्हे स्वीकारा। बलि बामन प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति से श्रद्धालु भावविभोर हो गए।

भाई प्रगट कृपाला दीन दयाला……..

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव के साथ कथा के दूसरे पड़ाव का शुभारंभ हुआ। भगवान श्री राम के जन्म और उनके जीवन चरित्र का बखान करते हुए भागवत व्यास  ने कहा कि भगवान राम का जीवन चरित्र हमें सिखाता है कि मित्रों के साथ मित्र जैसा, माता पिता के साथ पुत्र जैसा, सीता जी के साथ पति जैसा, भाइयों के साथ भाई जैसा, सेवकों के साथ स्वामी जैसा, गुरु के साथ शिष्य जैसा व्यवहार कैसे किया जाता है। जो भगवान राम के जीवन चरित्र को अपने जीवन में चरितार्थ करेगा उसके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। राम राज्य में मनुष्य के अतिरिक्त जीव जंतु में परस्पर प्रेम और सद्भाव से रहते थे। इस दौरान राम जानकी विवाह का प्रसंग भी सुनाया गया।

ठाकुर जी से जोड़ों संबंधों की डोरी…….

भक्त और भगवान के संबंधों को बताते हुए कथा वाचक  ने बताया कि हम जीवन भर किसी ना कहीं संबंधों की डोरी से बधे हुए रहते हैं, लेकिन यदि भगवान के निकट आना है तो संबंधों की डोरी ठाकुर जी के साथ जोड़नी पड़ेगी। उनसे कोई रिश्ता जोड़ लो। जहां जीवन में कमी है, वही ठाकुर जी को बैठा दो। वे जरूर उस संबंध को निभाएंगे। विधिवत भारतीय पूजन के साथ कथा के पांचवे दिन का समापन हुआ इस दौरान कथा पंडाल में मौजूद सैकड़ों महिला पुरुष और बच्चे श्रद्धा भाव से भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के प्रसंग पर झूमते और नाचते हुए नजर आए।

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS
Back to top button
error: Content is protected !!