
अचला सप्तमी पर श्रीनगर में मनाया गया भगवान जगन्नाथ का पटोउत्सव
गोटेगांव /माघ शुक्ल पक्ष का उपासना की दृष्टि से बहुत महत्व है। गुप्त नवरात्रि के कारण माघ शुक्ल पक्ष की तिथियां उपासना एवं कर्मकांड की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो जाती हैं। इस पक्ष में बसंत पंचमी तथा आज अचला सप्तमी का पावन पर्व है। आज ही के दिन सतयुग में मां नर्मदा का अवतरण भारत भूमि पर हुआ था। अचला सप्तमी तिथि का महत्व है कि मां नर्मदा आज भी अक्षुण्ण रुप से विद्यमान है। पूज्यपाद सद्गुरुदेव जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने इस तिथि के महत्व को समझते हुए इस दिन भगवान श्री जगन्नाथ का पाटोत्सव मनाया जाता है। इस अवसर पर दूर दराज गांवों से लोग आकर श्रद्धा से भगवान श्री जगन्नाथ का प्रसाद ग्रहण करते हैं।
इस अवसर पर पश्चिमाम्नाय द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज ने भगवान #जगन्नाथ एवं मां नर्मदा का महत्व बताते हुए अपने आशीर्वचन प्रदान किए। इसके पूर्व भगवान जगन्नाथ को नैवेद्य अर्पण कर उनकी भव्य आरती कर जगद्गुरु जी महाराज ने देश के उज्जवल भविष्य की कामना की।