
रक्षाबंधन पर्व के पहले छत्तीसगढ़ में देशभक्ति और भाईचारे की अद्भुत मिसाल पेश की गई। महासमुंद सरायपाली की आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओ और महतारी वंदन की हितग्राहियो ने सीमाओं पर तैनात देश के जाबाज सैनिकों के लिए रक्षासूत्र और भावनाओं से भरे पत्र भेजकर यह जताया कि उनका रक्षक सिर्फ उनका भाई ही नहीं, बल्कि सरहद पर डटे वीर जवान भी हैं।
यह पहल न केवल रक्षाबंधन को एक नया आयाम देती है, बल्कि देश के प्रति नागरिक जिम्मेदारी और भावनात्मक एकजुटता का भी परिचायक है। छत्तीसगढ़ की धरती से उठी यह आत्मीय भावना एक संदेश है जब तक सैनिक जागते हैं, तब तक देश चैन से सोता है । और उनकी कलाई पर बंधा रक्षासूत्र, पूरे भारत की बहनों की प्रार्थना का प्रतीक है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महतारी वंदन योजना से लाभान्वित महिलाओं ने स्वयं के हाथ से लिखे गए पत्रों और रक्षासूत्रों को सौंपते हुए आग्रह किया कि ये निश्छल भावनाएं सीमा पर तैनात जवानों तक जरूर पहुंचवाएं। इन रक्षासूत्रों में नारी शक्ति की दुआएं और कृतज्ञता छिपी है, जो हमारे सैनिकों के मनोबल को और ऊंचा करेगी ।