मुख्य पशुचिकित्साधिकारी श्री डा० सुबाष चन्द ने जानकारी देते हुए बताया कि निदेशक, प्रशासन एवं विकास पशुपालन विभाग उ०प्र०
लखनऊ के पत्र दिनांक-05.06.2024 के द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अनुदान सं0-15 के अधीन बकरी पालन की योजना (रा०यो०) को पुनः आच्छादित किया जाना है। योजनान्तर्गत दिशा-निर्देश एवं निर्धारित लक्ष्य की छायाप्रति संलग्न कर प्रेषित किया गया है।
योजना का उद्देश्यः- प्रदेश के सीमान्त कृषकों भूमिहीन मजदूरों, विधवा, निराश्रित महिलाओं की आय में वृद्धि व आत्मनिर्भर बनाने के उदेश्य से बकरी पालन द्वारा प्रदेश की आय दोगुनी करने हेतु।
लाभार्थियों की पात्रताः- जनपद स्तर पर लाभार्थियों का चयन भूमिहीन महिला/पुरुष, विधवा निराश्रित महिला एवं कोविड प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता दी जायेगी। चयन प्रक्रिया में 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति एवं 03 प्रतिशत दिव्यांग जन को सम्मिलित किया जाना हितकर होगा। लाभार्थी चयन में महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर (उपलब्धता के अनुसार) वरीयता दी जायें, जिससे उनको स्वावलम्बी बनाया जा सके। लाभार्थी चयन में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 10 प्रतिशत अतिरिक्त लाभार्थी का चयन कर प्रतीक्षा सूची बनायी जाये।
प्रति इकाई लागत का भुगतान :- प्रति इकाई 10 प्रतिशत लाभार्थी अंश रू0-4500/- है, जो चयनित लाभार्थी द्वारा उपलब्ध कराये गये बैंक खाता में जमा किये जायेगें। जमा की गयी धनराशि का विवरण प्राप्त कर पासबुक की छायाप्रति पत्रावली में संरक्षित की जाय (जनपद अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष), चयनित लाभार्थी से 10 रू0 के स्टाप पेपर पर शपथ पत्र प्राप्त किया जायेगा कि स्थापित होने वाली बकरी इकाई 03 वर्ष तक संचालित की जायेगी तथा लाभार्थी के खाते में धनराशि स्थानान्तरित होने के 20 दिन के अन्दर पशुओं का कय कर इकाई का संचालन किया जायेगा, चयनित लाभार्थी को प्रति इकाई भुगतान की जाने वाली धनराशि आर०टी०जी०एस० के माध्यम से ही स्थानान्तरित की जायेगी। अन्य किसी प्रकार से भुगतान नहीं किया जायेगा, आवेदक द्वारा आवेदन के साथ निम्न स्वप्रमाणित प्रपत्र उपलब्ध कराने होंगे, आधार कार्ड/स्थायी निवास प्रमाण पत्र,जाति प्रमाण पत्र, योजना के सम्बन्ध में समस्त जानकारियों मुख्य पशुचिकित्साधिकारी