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योगी को नजरअंदाज किया जाना भाजपा को भारी पड़ा – रीना एन सिंह नई दिल्ली।

योगी को नजरअंदाज किया जाना भाजपा को भारी पड़ा - रीना एन सिंह नई दिल्ली।

योगी को नजरअंदाज किया जाना भाजपा को भारी पड़ा – रीना एन सिंह

नई दिल्ली।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को आशा के अनुरूप परिणाम नहीं प्राप्त हुआ ।
देश के तमाम राजनीतिक जानकर इसकी अपने-अपने तरीके से व्याख्या कर रहे हैं इसी बीच सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट, “योगी आदित्यनाथ लोक कल्याण के पथ पर” नामक पुस्तक की लेखिका और योगी आदित्यनाथ पर सबसे अधिक लेख लिखने वाली व शोध करने वाली रीना सिंह एक चैनल पर बहस के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के प्रदर्शन और उनकी कार्य कुशलता को नजरअंदाज कर उनके खिलाफ कथित साजिश से उत्तर प्रदेश की जनता के बीच में जो निराशा का माहौल था उसका परिणाम सामने दिख रहा है।

एडवोकेट रीना सिंह ने कहा कि जब जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आए तो उन्होंने प्रमुख रूप से दो आरोप लगाए पहला ये की नरेंद्र मोदी 2 वर्ष के बाद 75 वर्ष के हो जाएंगे और वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। दूसरा ये की भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व केंद्र में सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के पद से हटा देगा। पहली बात का खंडन भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने अरविंद केजरीवाल के बयान देने के 6 घंटे के भीतर कर दिया लेकिन योगी आदित्यनाथ को हटाए जाने वाले केजरीवाल के वक्तव्य का खंडन कोई नहीं करता। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा करते भी हैं तो आखिरी चरण के चुनाव में सिर्फ एक दिन बचे होने के पहले। तब तक जनता के बीच में यह बात फैल चुकी थी और भाजपा का नुकसान हो चुका था।
इसके अलावा रीना एन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तमाम सारी लोकसभा की ऐसी सीटें थी जहां पर भारतीय जनता पार्टी सिर्फ अपने उम्मीदवार को बदल देती तो परिणाम सकारात्मक होता लेकिन अमित शाह का टिकट बंटवारा और योगी आदित्यनाथ को टिकट बंटवारे से दूर रखा जाना भारतीय जनता पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हुआ।
उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में उनको यदि टिकट के वितरण में भारतीय जनता पार्टी शामिल करती या उनके अनुभव का लाभ उठाती तो परिणाम बदल सकता था उन्होंने कहा कि हालांकि यह भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी राजनीति की बात है लेकिन निश्चित तौर पर यह कहा जा सकता है की योगी आदित्यनाथ को नजर अंदाज करना उत्तर प्रदेश की आम जनता को पसंद नहीं आया जिसका परिणाम सबके सामने है।

AKHAND BHARAT NEWS

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