
आज संसाधनों में बाली भूत दिखाई देने वाली पत्रकारिता की शुरुआत जिले में 20वीं साड़ी के आरंभ से की हो गई थी उसे समय स्थानीय स्तर पर पत पत्रिकाओं का प्रशासन भले ही नहीं था लेकिन हिंदी की अनेक पत्र पत्रिकाओं की एजेंसी छिंदवाड़ा के बुक स्तर एवं समाचार होकर के पास मिलती थी हिंदी में मुंबई का वेंकटेश, वनवासी साप्ताहिक, कर्मवीर, प्रताप केसरी के साथ अंग्रेजी साप्ताहिक स्टेटस मैन की बहुत हो गई थी सन 1904 में राय साहब मथुरा प्रसाद में सेंट्रल लॉ प्रेस खोलकर स्थानिक पत्रकारिता को बल दिसा ।॥
आजादी के दौरान वह बाद में पत्रकारिता का चलन तेजी से बड़ा छिंदवाड़ा में कई साप्ताहिक पत्र एवं दैनिक समाचार पत्र की उपलब्धता जनता को आसानी से मिलने लगी
90 के दशक में क्रांतिकारी बदलाव हुए जिले में 90 के दशक में पत्रकारिता का स्वरूप बदला नए बड़े कैमरे ने छिंदवाड़ा में रुचि दिखाई दैनिक भास्कर का यहां प्रारंभ हुआ इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी तेजी से पत्रकारिता के लिए काम करना शुरू किया देश के वरिष्ठ पत्रकार वाजपेई ने छिंदवाड़ा आकर पत्रकारिता की तो यहां के पत्रकार ने भी इलेक्ट्रिक हुआ प्रिंट मीडिया में बाहर जाकर काम नाम कमाया जिला जनसंपर्क कार्यालय छिंदवाड़ा के आंकड़े के अनुसार अभी 40 से ज्यादा पत्र पत्रिकाएं इतने ही चैनल है
छिंदवाड़ा में करीब 40 अखबार है इनमें से 8 से 10 दैनिक 23 साप्ताहिक 4 मासिक और 5 साप्ताहिक विशेष रूप से है वहीं करीब इतनी ही संख्या में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल के लोग काम कर रहे हैं जिला कार्यालय में सूची में अभियान ने संपादक हुआ कुल मिलाकर करीब 167 मीडिया कर्मी जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं बड़े मीडिया संस्थान के संवाददाता की संख्या अलग है ।।।।
प्रेस फ्रीडम डे पर आप सभी को वंदे भारत के रिपोर्टर रज्जू धैर्य की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं पत्रकारिता का उद्देश्य जनता के हिट कल्याण के लिए किया जाना चाहिए जिससे कि उनकी मूलभूत समस्याओं को अपनी कलम के माध्यम से भेजना चाहिए जिससे उनका आर्थिक एवं सामाजि र में स्वतंत्रता लानी चाहिए ।।।।
इंकलाब फ्रीडम फाइटर श्रमिक नेता वह पत्रकार अपने अधिकार एवं कर्तव्य से निस्वार्थ सेवा करके समाज एवं राष्ट्रगीत के निर्माण के लिए सहायक बने ऐसी शुभकामनाएं