
💥 *दो साल में दर्जन से अधिक किडनी मरीजों की मौत,तीन और डायलिसिस मरीज़ संक्रमित*
दो साल के अंदर दर्जन भर से अधिक डायलेसिस मरीजों की मौत के बाद भी स्वास्थ्य प्रबन्धन चेत नही रहा है,सोमवार को आई हेपेटाइटिस रिपोर्ट की माने तो तीन और किडनी मरीज़ संक्रमित हो गए है।इसके पहले भी करीब 10 मरीज़ संक्रमित हो चुके है।सूत्रों की माने तो सोमवार को आई रिपोर्ट में तीनों संक्रमित मरीज पूर्व में भी संक्रमित हुए थे,परन्तु तीन माह के उपचार के बाद ये ठीक हो गए थे,पर फिर एक बार ये मरीज संक्रमण का शिकार हुए है। मरीजों में संक्रमण होने की दशा में मरीज़ का लीवर गम्भीर संक्रमण का शिकार हो जाता है,जिसे टीके से रोका जा सकता है।ज़िन्दगी और मौत से जूझ रहे किडनी मरीज़ों ने कलेक्टर को शिकायती प्रपत्र सौंपते हुए कहा है कि जिला अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में हेपेटाइटिस टीका होने के बावजूद मरीजों को टीका नही लगाया जा रहा,नतीजतन निरन्तर किडनी मरीज़ संक्रमित हो रहे है।इसके अलावा शिकायती प्रपत्र में शौचालय से सटे डायलीसिस वार्ड में गंदगी और तीक्ष्ण दुर्गन्ध होने की भी शिकायत है,जिससे मरीजों के संक्रमित होने के खतरे की बात कही गई है।शिकायती प्रपत्र में यह भी कहा गया है कि बिजली गुल होने पर जनरेटर व्यवस्था होने के बाद भी वार्ड में बिजली नही होती,जिस वजह से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है।विदित हो कि चिकित्सकों के परामर्श पर किडनी मरीज डायलिसिस कराते है,फिलहाल जिला चिकित्सालय में करीब 32 ऐसे किडनी मरीज़ है,जो हफ्ते में दो या कई मरीज़ तीन बार डायलिसिस करा रहे है।किडनी मरीज़ो में डायलिसिस एक कठिन प्रक्रिया है,जिसमे करीब 4 घण्टे मरीज़ भारी परेशानी से गुजरता है,इस दौरान मरीजों में संक्रमण का खतरा भी ज्यादा बना रहता है,जिस वजह से डायलिसिस वार्ड पूरी तरह स्वच्छ और दुर्गन्धयुक्त रखने की ज़रूरत है।जनवरी 2022 से मार्च 2024 यानी बीते दो सालों में 16 किडनी मरीजों की मृत्यु हो चुकी है,जो बड़ा सवाल है,ऐसे संवेदनशील मामलों में स्वास्थ्य प्रबन्धन को और अधिक गम्भीरता बरतने की ज़रूरत है।
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