

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बना ग्वालियर किला, भारत के सबसे बड़े और सबसे बेहतरीन किलों में से एक है. यह किला 8वीं शताब्दी में बना था. यह किला, मध्यकालीन स्थापत्य का एक बेहतरीन नमूना है. किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है. यह किला, ग्वालियर शहर का सबसे महत्वपूर्ण स्मारक है
ग्वालियर किले को भारतीय दुर्गों का गहना कहा जाता है. यह किला, दो शानदार महलों मान मंदिर और गुजरी महल से घिरा हुआ है. किले की ओर जाने वाली एक खड़ी सड़क है, जिसके दोनों ओर जैन तीर्थंकरों की चट्टान पर उकेरी गई मूर्तियां हैं.
ग्वालियर किले का निर्माण राजा मान सिंह तोमर ने 9वीं शताब्दी में करवाया था. यह किला, महत्वपूर्ण घटनाओं, कारावास, लड़ाई और जौहर का स्थल रहा है. 1505 में दिल्ली के सुल्तान सिकंदर लोदी ने किले पर कब्ज़ा करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. 1516 में उनके बेटे इब्राहिम लोदी ने एक और हमला किया, जिसमें मान सिंह की मृत्यु हो गई. एक साल की लंबी घेराबंदी के बाद, तोमरों ने किले को दिल्ली सल्तनत को सौंप दिया.
ग्वालियर किले के बारे में समीक्षकों का कहना है कि इसका भव्य स्वरूप, संरचना, और स्थान इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाते हैं.