क्षेत्रीय परिवहन आरटीओ जबलपुर में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी के आदेश से भ्रष्टाचार किया जा रहा है रिटायरमेंट हुए कर्मचारियों द्वारा कार्य किया जा रहा है जिसमें बाबू सुनील तिवारी जो रिटायर हो चुके हैं फिर भी आरटीओ कार्यालय में रूम नंबर 8 में एजेंटो की फाइल चेक करते हैं और रूपये का लेनदेन करते हैं यह बाबू का काम ऑर्डर में जाने वाली फाइलों को चेक करने का है जो फाइल के हिसाब से रूपयो की मांग करते हैं टैक्सी से प्राइवेट करने का 6000 लेते है अन्य जिलो की फाईल ट्रांसफर करने में 16000 से 25000 तक की मॉंग की जाती है जो फाईल में काम के हिसाब से लिया जाता है रिटायर होने के बाद भी बंद कमरे में कार्य किया जा रहा है बाहर से ताला लगा दिया जाता है खिड़की से सारा लेनदेन किया जाता है
- दूसरा विभाग लाइसेंस शाखा का है जिसमें राजेन्द्र सिंह बघेल का है यह बाबू रिटायर हो चुके हैं लेकिन हैवी कमर्शियल व्हीकल लाइसेंस में यही बाबू पेपर की जाँच करते हैं रिटायर बाबू पेपर की जांच कर ले तभी आवेदक की फोटो होती है इसमें 2 से 3 दिन लगता है जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने रिटायर बाबू को एक और काम सौपा है हाईकोर्ट की फाइलों का काम भी यही देखते हैं रूम नंबर 11A मैं बैठकर बाबू काम करते हैं जब की यह काम बाबू देवेन्द्र सिंह राणा और अंसारी बाबू का है जो लाइसेंस शाखा में आवेदको का टेस्ट लेते हैं आरटीओ जितेन्द सिंह रघुवंशी रिटायर बाबू से कमर्शियल लाइसेंस चेक कराते है
इसी तरह एक मैडम और हैं मैडम चंद्रकांता ठाकुर जो रिटायर हो चुकी हैं इनका काम फाइलों में सील लगाने का होता यह भी फाइल की जांच करती हैं फिर उसमें सील लगा देती है इनका भी आरटीओ ऑफिस में से रूम है यह मैडम का अलग ही तेवर है चेहरा देखकर काम करते हैं बड़ा एजेंट है तो जल्दी फाइल चेक कर देती हैं ऑफिस से रिटायर होने के बाद अधिकारी कैसे कार्य कर सकते हैं कुछ समझ नहीं आता इस विषय में आरटीओ साहब से जब बात की गई तो आरटीओ साहब का कहना है जो करना है कर लो हमारे हिसाब से कार्य होता है
रिपोर्टर -मदन रैकवार वंदे भारत लाइव टी.वी. न्यूज जबलपुर