
चौकरी (झांसी)में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास श्री अजय तिवारी जी महाराज रसिक जी ने अपने मुखारबिंद से भगवान् श्रीकृष्ण के द्वारा पूतना और पापी कंस का संघार किये जाने का विस्तार से वर्णन किया सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण ने कारागृह से उग्रसेन राजा के पास गए उन्हे बंधी ग्रह से बंधीमुक्त किया और राज सिंधासन पर बिठाया उग्रसेन राजा से आज्ञा लेकर के कारागृह से अपने माता पिता को बंधीमुक्त किया पंडाल मैं बैठे सैकड़ो भागवत प्रेमियों ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का कथा व्यास महाराज जी के मुखारबिंद से वर्णन सुना भगवतचार्य महाराज जी ने बताया कलयुग मैं भगवान से जुड़कर और भगवान का नाम लेने मात्र से ही मनुष्य का युदधार हो जाता है
परीक्षत कमलेश कुशवाहा ने श्रीमद भागवत कथा की मंगल आरती उतारी अंत मैं प्रसाद का वितरण किया गया
इस मौके पर गाँव चौकरी के श्री बरुण शास्त्री, हरचरन कुशवाहा,वीरपाल सिंह, छत्रपाल सिंह,राजेंद्र सिंह, अंकू सिंह भदौरिया, श्री जाहर सिंह ,मानसिंह परिहार,मिजाजी खान, गोविंदास कुशवाहा,महेश सोनी, मोहन लाल प्रजापति,पन्ना लाल नापित,मनसुख,ग्यादीन कुशवाहा, हरप्रसाद कुशवाहा,धनीराम कुशवाहा, मोहन कुशवाहा, विशुन पटेल, बाबूलाल पटेल, हरदास कुशवाहा ,रामचरण रायकवार,राकेश श्रीवास,हरनारायन कुशवाहा, ,मनोज कुशवाहा,रंजीत कुशवाहा, विनोद कुशवाहा, अंत में सभी का आभार जितेन्द्र सिंह कुशवाहा ने किया
झांसी से मुकेश कुशवाहा की रिपोर्ट