
रिपोर्टर मनमोहन गुप्ता कामां 9783029649
आदिवृन्दावन कामवन में लगा है भक्तों का मिनी कुम्भ
कामां-डीग जिले के कस्वा कामां आदिवृन्दावन कामवन में भाद्रपद मास में कृष्ण भक्तों की अपार भीड़ से लगता है कुम्भ का मेला लगा हुआ है इन दिनों श्रीकृष्ण की साढ़े पांच हजार पुरानी क्रीड़ास्थलियों के दर्शन करने हज़ारों की संख्या में प्रतिदिन भक्त आ रहे हैं जो पूर्ण भक्ति व श्रद्धा से दर्शन कर रहे हैं।
कोटा राजस्थान क़े भक्तों ने तीर्थराज विमलकुण्ड की परिक्रमा कर विमल बिहारी मन्दिर के दर्शन किये तथा महाप्रसाद ग्रहण किया। मन्दिर विमल बिहारी के सेवाअधिकारी संजय लवानिया ने सभी को कामवन का माहात्म्य श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण का अधिकतम बचपन नंदगांव में ही गुजरा वह प्रतिदिन गौचारण क़े लिये कामवन आते थे जहां उन्होंने अनेकों लीलायें की है। उन लीलाओं क़े चिन्ह आज भी यहां विद्यमान हैं। इसे आदिवृन्दावन कामवन के नाम से जाना जाता है। पुराणों में ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा का विशेष महत्व बताया गया है। कहा गया है, ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा को लगाने से एक-एक कदम पर जन्म-जन्मान्तर के पाप नष्ट हो जाते हैं। यह भी कहा गया है, ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा चौरासी लाख योनियों के संकट हर लेती है।हजारों की संख्या में कृष्ण धर्मावलंबी तीर्थराज पर प्रतिदिन मालदा ,मायापुर ,उत्तर व दक्षिण 24 परगना ,कोलकाता ,हुगली ,नवद्वीप धाम ,उड़ीसा ,गुजरात ,केरल,चेन्नई ,हैदराबाद ,पंजाब ,जम्मू ,हिमाचल प्रदेश ,मध्यप्रदेश ,राजस्थान ,महाराष्ट्र ,उत्तरप्रदेश , आंध्रप्रदेश ,नेपाल ,भूटान ,बांग्लादेश ,वर्मा ,रूस ,अमेरिका ,फ्रांस ,कनाडा ,ब्राजील ,कम्बोडिया ,आस्ट्रेलिया क़े बहुतायत में दर्शनार्थ आ रहे हैं तथा कामवन विराजित तीर्थराज विमलकुण्ड ,विमल बिहारी जी सहित श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थलियों चरण पहाड़ी ,भोजन थाली ,खिसलनी शिला ,भामासुर की गुफा ,सेतुबन्ध रामेश्वर ,लंका-यशोदा,गया कुण्ड ,कामेश्वर महादेव ,पंचमुखी महादेव वृन्दादेवी ,गोविन्ददेव जी ,गोपीनाथजी ,चौरासीखम्भा ,
गोकुल चन्द्रमा ज़ी ,मदनमोहन ज़ी आदि के दर्शन कर रहे हैं।
सभी ब्रजयात्री कामवन धाम से बरसाना दर्शन करने को प्रस्थान कर गये।