
Raipur। कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता सांसद राहुल गांधी की सभा बस्तर के जगदलपुर में अब से कुछ देर बाद होनी है। राहुल गांधी की सभा के ठीक पहले बीजेपी ने राहुल गांधी के नाम खुला ख़त जारी कर झीरम मसले पर सवाल किए हैं। बीजेपी के यह सवाल कवासी लखमा और भूपेश को लक्ष्य कर के पूछे गए हैं।
क्या पूछा है बीजेपी ने
बीजेपी ने राहुल गांधी से जो सवाल पूछे हैं उनकी कुल संख्या तीन हैं, और तीनों ही सवाल इस ढंग से उन शब्दों में पूछे गए हैं कि झीरम कांड में भूपेश बघेल और कवासी लखमा को प्रश्नांकित भुमिका में माना जाए। इस पत्र में निम्नलिखित सवाल हैं
1- जिस कवासी लखमा को पूरा छत्तीसगढ़ और पूरा कांग्रेस पार्टी झीरम घाटी नरसंहार का संदिग्ध मानता है, तथा जिसे तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने भी 2013 में संदिग्ध ठहराया था को आपने क्या क्लीन चिट देकर लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है ?
2- क्या झीरम के शहीदों को आप शहीद नहीं मानते हैं या सिर्फ़ शहीद वही हैं जो आपके परिवार से हैं। आपने इनको न्याय दिलाने संसद में कितनी बार माँग/प्रयास किया है ?
3- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिन सबूतों को जेब में डाल के रखे हुये हैं वह सबूत कब बाहर आएँगे ? अब को आपकी सरकार भी चली गई, माननीय भूपेश बघेल जी किसे बचाना चाहते हैं।
3- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिन सबूतों को जेब में डाल के रखे हुये हैं वह सबूत कब बाहर आएँगे ? अब को आपकी सरकार भी चली गई, माननीय भूपेश बघेल जी किसे बचाना चाहते हैं।
कांग्रेस से बीजेपी शामिल हुए कार्यकर्ता के हवाले से सवाल
झीरम कांड पर केंद्रित और राहुल को संबोधित यह खुला पत्र हालिया दिनों कांग्रेस से बीजेपी प्रवेश किए एक कार्यकर्ता के ज़रिए पूछे गए हैं।
बीजेपी शासनकाल में हुआ था झीरम कांड
झीरम कांड बीजेपी शासनकाल में हुआ था। 25 मई 2013 को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के नेतृत्व में निकली परिवर्तन यात्रा पक झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला किया था। इस हमले में कांग्रेस की एक पीढ़ी ही ख़त्म हो गई थी। इस ख़ौफ़नाक हत्याकांड की जाँच एनआईए कर रही है। जब यह घटना हुई तो केंद्र में यूपीए सरकार और राज्य में डॉ रमन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार थी। झीरम कांड में लापरवाही के मसले पर तत्कालीन बीजेपी सरकार को प्रश्नांकित किया जाता है।
कांग्रेस शासनकाल के अंतिम दौर में सुको ने दी मंजूरी
झीरम कांड के बाद कांग्रेस के भीतरखाने इस घटना को लेकर तमाम सवाल उठते रहे हैं। पीसीसी अध्यक्ष के रुप में भूपेश बघेल ने इसे राहुल का छत्तीसगढ़ दौरा आज, बीजेपी ने राहुल से पूछे झीरम मसले को लेकर तीन सवाल, भूपेश और कवासी पर केंद्रित हैं सवाल राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए लगातार आरोप लगाया कि, राजनीतिक षड्यंत्र की जाँच नहीं हो रही है। जब कांग्रेस की सरकार बनी तो तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश ने एसआईटी गठित कर जाँच की क़वायद की। भूपेश शासनकाल में ही दरभा थाने में झीरम कांड को लेकर उदय मुदलियार के पुत्र के ज़रिए एफ़आइआर दर्ज कराई गई जिसमें षड्यंत्र की आशंका जताई गई थी। लेकिन इसकी जाँच नहीं हो पाई क्योंकि एएनआई ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण माना और कोर्ट चली गई। भूपेश शासनकाल के अंतिम दौर में सुप्रीम कोर्ट ने झीरम कांड के जाँच किए जाने के राज्य सरकार के प्रयासों को आपत्ति करने लायक़ नहीं माना और एनआईए को इस मसले पर कोई राहत नहीं दी। लेकिन जबकि सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला आया उसके बाद कांग्रेस चुनाव में सत्ता से बाहर हो गई।
दरभा थाने में दर्ज केस, कोई प्रगति नहीं
झीरम हत्याकांड को लेकर दरभा थाने में स्वर्गीय उदय मुदलियार के पुत्र की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे हटने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं है। राज्य में बीजेपी की विष्णु देव सरकार को अस्तित्व में चार महीने होने जा रहे है। बीजेपी की ओर से झीरम को लेकर लिखे गए पत्र से लोगों का ध्यान दरभा थाने की एफ़आइआर पर चला गया है।
(रिपोर्टर_ शेखर ठाकुर (जिला प्रमुख)