A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरेशेओपुर

सबलगढ़ कस्बे के संतर नंबर तीन में गली भीषण आंग, संकरी गली होने से नहीं पहुंच पा रही फायर ब्रिगेड

करीवन चार फायर ब्रेगिड लगी है आंग बुझाने मंे, करीवन 18 घण्टे बाद भी नहीं बुझ पाई आंग

संवाददाता लोकेन्द्र कुशवाह
सबलगढ
सबलगढ में मकान में बने तिरपाल के गोदाम में आग लग गई। जैसे ही आंग सूचना मिली तो तीन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच गई, लेकिन गली इतनी संकरी थी कि गाड़ियां यहां तक पहुंच ही नहीं पा रही थी। इसके बाद घर के पीछे जिस हिस्से में गोदाम बना था, उसमें पाइप डालकर इस आग को बुझाने का प्रयास किया गया। जिससे बाद विजयपुर की फायर ब्रेगिड को भी बुलाया गया है। करीवन 18 घंटे की मशक्कत के बाद भी ठीक से आग नहीं बुझ सकी है। आंग सुलग सुलग कर भड़क रही है। आग लगने की वजह फिलहाल शार्ट सर्किट ही बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक संतर नंबर 03 निवासी व्यापारी बंटी प्रधान का तिरपाल का काम है। जिसका तिरपालों का गोदाम घर में ही बनाया गया है। शुक्रवार की दोपहर अचानक ही इस गोदाम से आग की लपटें उठना शुरू हो गई। प्लास्टिक की तिरपालों ने आग इस कदर पकड़ी कि आग की लपटें घर के पीछे से निकलना शुरू हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच गई। लेकिन इस आग तक पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं था। घर के पीछे के हिस्से में महज पांच से सात फीट चोड़ी गली थी। जिस पर फायर ब्रिगेड की लेजम ले जाकर इस आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। यह पानी भी जंगले व खिड़कियों के सहारे पानी डालकर आंग केा बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। उन से भी लपटें निकल रहीं थी। करीवन 18 घण्टो तक तीन चार फायर ब्रिगेड गाड़ियां इसे बुझाने का प्रयास कर आंग पर काबू में पाया गया। मगर आंग पूरी तरह अभी तक नहंी बुझी है। अभी भी लपटे उठना शुरू हो जाती है। गोदाम में आंग लगने से व्यापारी को लाखों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। बताया जाता है कि प्लास्टिक की तिरपाल के अलावा इस गोदाम में बोरियां भी भरी हुई थी। वहीं दूध बनाने का केमिकल भी रखा था, जिसकी वजह से यह आग विकराल होती जा रही थी। यहां बता दें कि लगभग 10 साल पहले भी यहां आग लग चुकी है। जिसमें लाखों रुपये का नुकसान हुआ था। शुक्रवार को गोदाम में लगी आग से भी लाखो रूपये का नुकसान होने का अनुमान है उधर संतर नंबर तीन में बेहद पुराने मकान बने हुए है। ऐसे में आगजनी से इन मकानों की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है। साथ ही संतर नंबर एक से लेकर पांच तक सबलगढ़ के प्रमुख बाजार है जो पूरी तरह अतिक्रमण कर मकान बनाए गए है।

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS
Back to top button
error: Content is protected !!