
रतन सेन डिग्री कॉलेज, बांसी, सिद्धार्थ नगर के उर्दू विभाग द्वारा दिनांक 09-03-2024 को “उर्दू फिक्शन” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के अनुसार डॉ. बाल गंगाधर, अर्थशास्त्री प्रोफेसर, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर रहे। मुख्य वक्ता का स्वागत एवं संक्षिप्त परिचय कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर सरफराजुद्दीन द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. बाल गंगाधर ने नैतिकता को निभाते हुए कहा कि अरबी सिर्फ मुसलमानों की भाषा नहीं है। अरबी भाषा पर बहुत से समुद्री तटों का प्रभाव पड़ा है, अरबी ने अन्य समुद्र तटों के शब्दों को लिया है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि अरबी कट्टर भाषा है तो इसमें अन्य समुद्री शब्दों को शामिल नहीं किया जाता है। उर्दू फिक्शन में उपन्यास अंग्रेजी की परंपरा से आई दास्तान, संस्कृत के होते हुए अरबी और फारसी की परंपरा से आई और नाटक अंग्रेजी साहित्य से आया। रैथ ने बताया कि अरबी भाषा विज्ञान पर नीति कुमार चटर्जी, ज्ञान चंद जैन, गोपी चंद नारंग ने शोध किया है।
कथा साहित्य में प्रेम चंद, पंडित रत्न नाथ सरशार, राजिंदर सिंह बेदी, बलराज मीनारा, रत्न सिंह, बलवंत सिंह, कृष्ण चंद्र आदि के नाम से प्रसिद्ध हैं। उर्दू शायरी में बिरयानी नारायण चनकबस्त, कन्हाईलाल कपूर, दुर्गा सहाय सुरूर जहानाबादी, अफ़राक़ ग़रीब जयन्त परमार के नाम उल्लेखनीय हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बौद्ध दर्शन और काव्य में उर्दू शायरी का उल्लेख है और बौद्ध दर्शन का प्रभाव भी देखा जा सकता है। इससे स्पष्ट है कि उर्दू विशेष रूप से पौराणिक साहित्य की भाषा है, यह मिथ्या पूर्ण एवं साम्प्रदायिक प्रचार है। प्रवचन के अंतिम प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन हुआ। इस दौरान कुछ प्रयोगशालाओं द्वारा विषय से जुड़े कुछ विशिष्ट प्रश्न किए गए, स्पष्ट और सरल समाधान मुख्य वक्ता दिए गए। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के कार्यशाला डॉ. संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर हुआ फैसला। कॉलेज के वरिष्ठ सहायक आचार्य एवं सुअक्टा उपाध्यक्ष डॉ. अरविन्द कुमार मौर्य ने कार्यक्रम में आये सभी विद्वानों के लिए अपने-अपने शिष्यों से आग्रह किया। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक स्मिता रहे। इस कार्यक्रम में शामिल हों. हंसराज कुशवाहा, चिकित्सक. विकास सिंह, डॉ. मण्डल प्रसाद, डॉ. अलैहिस्सलाम उपाध्याय, वैज्ञानिक. विश्वास गुप्ता, डॉक्टर. विनोद कुमार, रशीम अग्रहरि, पुस्तकालय अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा, चंद्रपाल यादव, राइड टाइगर आदि लोग उपस्थित रहे।