
झांसी कपिल शर्मा की रिपोर्ट
महंगाई से टमाटर हुआ ‘लाल’, सब्जियां भी कर रहीं कमाल: भीषण गर्मी, बारिश और कम उत्पादन ने उड़ाए भाव
Jhansi News: महंगाई की मार अब थाली तक पहुंच गई है। पहले आटा-दाल और अब सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। टमाटर जहां 70-80 रुपये किलो बिक रहा है, वहीं लहसुन 200 रुपये किलो तक पहुंच गया है। जानकारों का कहना है कि इस बार भीषण गर्मी, कम बारिश और उत्पादन में कमी के चलते सब्जियों के दाम बढ़े हैं।
झांसी
महंगाई से टमाटर हुआ ‘लाल’, सब्जियां भी कर रहीं कमाल: भीषण गर्मी, बारिश और कम उत्पादन ने उड़ाए भाव
आजकल महंगाई का बोझ सिर्फ अनाज और दालों तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि अब भोजन की शान बढ़ाने वाली हरी सब्जियां भी महंगाई की आग में जल रही हैं। टमाटर के दाम तो आसमान छू रहे हैं, 70 से 80 रुपये किलो तक बिक रहा है। वहीं लहसुन 200 रुपये किलो के भाव बिक रहा है। आलू, प्याज, हरी मिर्च, अदरक, नींबू, बैंगन, लौकी, करेला, भिंडी, कद्दू, तुरई और गोभी जैसी सभी सब्जियां महंगी हो गई हैं।
भीषण गर्मी ने बिगाड़ी फसल
इस साल मार्च-अप्रैल में पड़ी भीषण गर्मी ने सब्जियों की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया। इससे टमाटर, प्याज, आलू, लहसुन जैसी सब्जियों का उत्पादन कम हुआ है।
बारिश ने भी बढ़ाई मुश्किलें
जून में हुई बारिश ने भी सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचाया है। बारिश के कारण फसलें सड़ने लगी हैं, जिससे सब्जियों की आवक कम हो गई है।
कम आवक, ज्यादा भाव
कम आवक और ज्यादा मांग के कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। टमाटर, लहसुन, अदरक जैसी सब्जियों के दामों में ज्यादा उछाल आया है।
इन सब्जियों के दाम बढ़े:
- आलू: 30 से 40 रुपये प्रति किलो
- प्याज: 25 से 35 रुपये प्रति किलो
- टमाटर: 60 से 80 रुपये प्रति किलो
- लहसुन: 180 से 200 रुपये प्रति किलो
- अदरक: 50 से 60 रुपये प्रति किलो
- हरी मिर्च: 50 से 60 रुपये प्रति किलो
- नींबू: 60 से 80 रुपये प्रति किलो
- बैगन: 30 से 40 रुपये प्रति किलो
- लौकी: 20 से 30 रुपये प्रति किलो
- करेला: 30 से 40 रुपये प्रति किलो
- भिण्डी: 30 से 40 रुपये प्रति किलो
- कददू: 15 से 20 रुपये प्रति किलो
- तुरई: 25 से 30 रुपये प्रति किलो
- गोभी: 40 से 50 रुपये प्रति किलो
आगे भी बढ़ सकते हैं दाम
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम और भी बढ़ सकते हैं।
क्या करें उपभोक्ता?
बढ़ती महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं को सलाह दी जा रही है कि वे हरी सब्जियों और मौसमी सब्जियों का ज्यादा इस्तेमाल करें।
’, सब्जियां भी कर रहीं कमाल: भीषण गर्मी, बारिश और कम उत्पादन ने उड़ाए भाव
Jhansi News: महंगाई की मार अब थाली तक पहुंच गई है। पहले आटा-दाल और अब सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। टमाटर जहां 70-80 रुपये किलो बिक रहा है, वहीं लहसुन 200 रुपये किलो तक पहुंच गया है। जानकारों का कहना है कि इस बार भीषण गर्मी, कम बारिश और उत्पादन में कमी के चलते सब्जियों के दाम बढ़े हैं।
महंगाई से टमाटर हुआ ‘लाल’, सब्जियां भी कर रहीं कमाल: भीषण गर्मी, बारिश और कम उत्पादन ने उड़ाए भाव
आजकल महंगाई का बोझ सिर्फ अनाज और दालों तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि अब भोजन की शान बढ़ाने वाली हरी सब्जियां भी महंगाई की आग में जल रही हैं। टमाटर के दाम तो आसमान छू रहे हैं, 70 से 80 रुपये किलो तक बिक रहा है। वहीं लहसुन 200 रुपये किलो के भाव बिक रहा है। आलू, प्याज, हरी मिर्च, अदरक, नींबू, बैंगन, लौकी, करेला, भिंडी, कद्दू, तुरई और गोभी जैसी सभी सब्जियां महंगी हो गई हैं।
भीषण गर्मी ने बिगाड़ी फसल
इस साल मार्च-अप्रैल में पड़ी भीषण गर्मी ने सब्जियों की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया। इससे टमाटर, प्याज, आलू, लहसुन जैसी सब्जियों का उत्पादन कम हुआ है।
बारिश ने भी बढ़ाई मुश्किलें
जून में हुई बारिश ने भी सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचाया है। बारिश के कारण फसलें सड़ने लगी हैं, जिससे सब्जियों की आवक कम हो गई है।
कम आवक, ज्यादा भाव
कम आवक और ज्यादा मांग के कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। टमाटर, लहसुन, अदरक जैसी सब्जियों के दामों में ज्यादा उछाल आया है।
इन सब्जियों के दाम बढ़े:
आलू: 30 से 40 रुपये प्रति किलो
प्याज: 25 से 35 रुपये प्रति किलो
टमाटर: 60 से 80 रुपये प्रति किलो
लहसुन: 180 से 200 रुपये प्रति किलो
अदरक: 50 से 60 रुपये प्रति किलो
हरी मिर्च: 50 से 60 रुपये प्रति किलो
नींबू: 60 से 80 रुपये प्रति किलो
बैगन: 30 से 40 रुपये प्रति किलो
लौकी: 20 से 30 रुपये प्रति किलो
करेला: 30 से 40 रुपये प्रति किलो
भिण्डी: 30 से 40 रुपये प्रति किलो
कददू: 15 से 20 रुपये प्रति किलो
तुरई: 25 से 30 रुपये प्रति किलो
गोभी: 40 से 50 रुपये प्रति किलो
आगे भी बढ़ सकते हैं दाम
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम और भी बढ़ सकते हैं।
क्या करें उपभोक्ता?
बढ़ती महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं को सलाह दी जा रही है कि वे हरी सब्जियों और मौसमी सब्जियों का ज्यादा इस्तेमाल करें।