बिहार क्रिकेट टीम की लगातार पराजय क्यों?
बिहार सीनियर क्रिकेट टीम इस सत्र में केवल एक मैंच जीत सकी।

बिहार सीनियर क्रिकेट टीम 2023-24 सत्र के बीसीसीआई के घरेलू क्रिकेट के मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में केवल एक जीत हासिल कर सकी। वहीं विजय हजारे ट्रॉफी व रणजी ट्रॉफी में एक भी जीत हासिल नहीं कर पायी। आखिर 13 करोड़ की जनसंख्या व देश की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य बिहार का प्रदर्शन इतना लचर क्यों रहा।बिहार से कम आबादी वाले राज्य का प्रदर्शन बेहतर होने की वजह क्या है?वर्तमान समय में नागालैंड व मेघालय जैसे राज्य में भी बेहतर क्रिकेट सुविधा उपलब्ध है। अगर बिहार की बात करें तो बिहार क्रिकेट संघ में आपसी वर्चस्व की लड़ाई हमेशा से ही रही। बिहार में प्रशिक्षण व क्रिकेट के लिए बेहतर ढांचा का हमेशा से ही अभाव रहा है।बिहार टीम के खिलाडिय़ों के लिए घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट होने से पहले न ही बेहतर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं न ही अंतर जिला मैंचों का आयोजन बेहतर तरीके से हो पाता है।बिहार में बेहतर मैंदान की कमी तो है ही जो मैंदान उपलब्ध है भी उसका रखरखाव बेहतर तरीके से नहीं किया जाता है।कुछ खिलाड़ियों का कहना है कि बड़े स्तर पर खेलने के लिए टर्फ विकेट पर अभ्यास जरूरी होता है लेकिन बिहार में अंतर जिला मैंच व ओपन टूर्नामेंट भी मैंटिग विकेट पर ही होता है जिसकी वजह से बड़े स्तर पर प्रदर्शन करना कठिन होता है व टीम चयन को लेकर भी पारदर्शिता बरतने की जरूरत है।बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है बस जरूरत है उसे बेहतर सुविधा देकर निखारने की। इन सबके बावजूद भी बिहार के कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया है। सकीबुल गणी,बिपिन सौरभ, वीर प्रताप सिंह,,हिमांशु सिंह, सरमन निगरोध, रघुवेन्द्र प्रताप सिंह, पियूष कुमार जैसे खिलाड़ी ने इस सत्र में बिहार के लिए बेहतर प्रदर्शन किया है।