
मनोज कुमार चौहान की रिपोर्ट,,,
धनबाद :धनबाद में बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। गोविंदपुर अंचल के भेलाटांड़़ मौजा में सरकारी जमीन की फर्जी डीड तैयार कर उसे बेच दी गई। लगभग चार एकड़ जमीन की प्लॉटिंग करते हुए 38 लोगों को बेची गई।
इस सरकारी जमीन की दाखिल-खारिज भी कर दी गई। लगभग दस करोड़ से अधिक मूल्य की इस सरकारी जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन करनेवालों की गर्दन अब फंसने वाली है। डीसी के निर्देश पर अपर समाहर्ता विनोद कुमार ने गोविंदपुर के सीओ को पत्र लिखकर एफआईआर करने का निर्देश दिया है। साथ ही जमीन की रजिस्ट्री करनेवाले सरकारी कर्मियों को चिह्नित करते हुए एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
बीबीएमकेयू के पीछे भेलाटांड़ मौजा में चार एकड़ 10 डिसमिल सरकारी जमीन है। गैर आबाद खाता संख्या 271, प्लॉट संख्या 220 को फर्जी तरीके से नया खाता संख्या 273 और प्लॉट संख्या 220 बनाकर बेचा जा रहा है। अपर समाहर्ता ने जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल फर्जी खतियानधारी अमरचंद्र गोराईं और पावर ऑफ एटर्नी होल्डर राजीव रंजन उर्फ रवि यादव के खिलाफ संबंधित थाने में 24 घंटे के अंदर एफआईआर कराने का आदेश गोविंदपुर के सीओ को दिया है। टुंडी विधायक मथुरा महतो की शिकायत पर जिला प्रशासन ने इसकी जांच कराई।
शराब घोटाले में निलंबित आईएएस विनय को बेल
झारखंड के निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को शराब घोटाला से जुड़े मामले में मंगलवार को एसीबी के विशेष न्यायालय से जमानत मिल गई। एसीबी 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी, जिस पर चौबे की ओर से मंगलवार को ही डिफॉल्ट जमानत याचिका दाखिल की गई। हालांकि, जमीन घोटाला मामले में अभी वो जेल में ही रहेंगे।
एसीबी के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत ने याचिका पर सुनवाई के पश्चात जमानत की सुविधा दी। इसके बाद 25-25 हजार रुपए के दो निजी मुचलके भरने के बाद उनकी न्यायिक हिरासत खत्म हो गई। बता दें कि इस मामले में विनय चौबे को एसीबी ने 20 मई को गिरफ्तार किया था। उसी दिन जेल भेजा गया था। वे 92 दिन न्यायिक हिरासत में रहे। आगे भी अगर चार्जशीट दाखिल नहीं हुई तो अन्य आरोपियों की बेल तय है।