
👉 *भीषण गर्मी के चलते जिले में बिजली की खपत 500 मेगावाट बढ़ गई है*
मुजफ्फरनगर भीषण गर्मी के चलते जिले में बिजली की खपत 500 मेगावाट बढ़ गई है। सामान्य दिनों में एक हजार मेगावाट बिजली पूरे जिले में खर्च होती थी, जो गर्मी के कारण 1500 मेगावाट पर पहुंच गई है।यही नहीं पिछले 15 दिनों में 1210 ट्रांसफार्मर फुंक गए हैं।
मई में अधिक गर्मी होने के कारण बिजली की मांग घर से लेकर खेतों तक बढ़ जाती है। अधिक गर्मी के कारण लोग अपने घरोंं में पंखे, कूलर और एसी का प्रयोग करते हैं। ऐसे घरों में बिजली की खपत अधिक हो जाती है। दूसरी तरफ गेहूं की फसल की कटाई के बाद खेत खाली हो जाते हैं। खेत तैयार करने को किसान को पानी की जरूरत होती है। गर्मी में खेतों में लगातार ट्यूबवेल चलती है।
ऐसे में किसानों के खेतों में रखे ट्रांसफार्मर सबसे अधिक फुंक रहे हैं। इसी मौसम में बिजली लगातार चलती है। जिले में बीते 15 दिनों में 1210 ट्रांसफार्मर फुंक गए हैं। इनमें लगभग एक हजार किसानों के खेतों से जुड़े हैं। घर से लेकर खेत तक बिजली की डिमांड से बिजली की खपत भी बढ़ गई है।
अप्रैल में पूरे जिले की बिजली की खपत नौ सौ से लेकर एक हजार मेगावाट के बीच थी। भीषण गर्मी में यह 1500 मेगावाट से लेकर 1800 मेगावाट तक पहुंच रही है। दोगुनी तक बिजली खर्च हो रही है।
*600 ट्रांसफार्मर का बढ़़ाया गया लोड*
जिले में गर्मी के मौसम से पहले आपूर्ति की समस्या को लेकर बिजली विभाग ने 600 ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़वाई थी। 50 किलोवाट के स्थान पर 63 किलोवाट, 63 के स्थान 100 किलोवाट और 100 के स्थान पर 250 किलोवाट का ट्रांसफार्मर लगवाया गया। बावजूद इसके बहुत सी जगह ओवरलोड हो गए।
*खपत के साथ विभाग ने आपूर्ति बढ़ा दी है : अग्रवाल*
मुख्य अभियंता पवन कुमार अग्रवाल का कहना है कि बिजली की जितनी खपत बढ़ रही है, उसे मुख्यालय से पूरा किया जा रहा है। पूरा प्रयास है कि 24 घंटे आपूर्ति दी जाए। हमारी आपूर्ति एक दिन में एक हजार से मेगावाट से 1800 मेगावाट तक पहुंची है। सामान्य रूप से डेढ़ गुना तो बढ़ ही गई है। आपूर्ति निर्बाध तरीके से निरंतर दी जा रही है। फुंके ट्रांसफार्मर 24 घंटे में ठीक कराने का प्रयास रहता है। पूरा बिजली विभाग गर्मी के इस मौसम में पूरी तरह अलर्ट मोड पर है।