
अम्बेडकरनगर में महात्मा ज्योतिबा फुले जिला चिकित्सालय में आग को बुझाने के लिए लगा अग्निशमन यंत्र खुद बदहाल है। पानी सप्लाई के लिए बनाए गए प्वाइंट बाक्स अनुपयोगी हो चुके हैं। ऐसे में अगर आपात स्थिति में आग लग जाये तो निपटना बेहद मुश्किल होगा। इससे मरीजों के सामने कभी भी भयानक संकट खड़ा हो सकता है।
जिला चिकित्सालय को 100 बेड क्षमता का बनाया गया है और यहां हमेशा 170 से 200 मरीज भर्ती होते हैं। वहीं साथ में इनके तीमारदार होते हैं। अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी में हजारों मरीज आते है, लेकिन यहां आग से निपटने की व्यवस्था नहीं है, जो कभी भी मरीज व तीमारदारों को मुश्किल में डाल सकती है।
अस्पताल के निर्माण के समय यहां लाखो रुपये लगाकर अग्निशमन यंत्र स्थापित तो किए गए, लेकिन देखरेख के अभाव और मरम्मत नहीं होने से बेकार होते चले गए। कुछ वार्डों में एक-एक अग्निशमन सिलिडर हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर की इस्तेमाल अवधि समाप्त हो चुकी है।
वाटर प्वाइंट बाक्स में लगे पाइप गायब
अस्पताल परिसर में लगे वाटर प्वाइंट बाक्स में पाइप तक नहीं बचा है, जो शीशा तोड़े जाने के कारण कबाड़ बन चुके हैं। सीएमएस संयुक्त जिला चिकित्सालय डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि निर्माण के दौरान अग्निशमन यंत्र लगाए गए थे, जो खराब हो चुके है। इनको ठीक कराने के लिए बजट की मांग की गई है। इंजीनियरों से बात करके इन्हें जल्दी ठीक करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वार्डो में सिलेंडर रखा गया है।