
कौशांबी में सरकारी क्रय केद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। गेहूं खरीद तमाम कोशिश के बाद भी रफ्तार नहीं पकड़ पा रही। 2 महीने बाद लक्ष्य का मुश्किल 8.35 फीसदी गेहूं खरीदा जा सकता है। इसके पीछे वजह समर्थन मूल्य व खुले बाजार की कीमत में बड़ा अंतर बताया जा रहा है। सरकारी भाव पर किसानों का गेहूं व्यापारी घर पहुंचकर खरीद रहे हैं।