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कर्म के आधार पर सुख व दुख का वरण स्वयं करता है जीव-आचार्य सुधाकर जी महाराज

कर्म के आधार पर सुख व दुख का वरण स्वयं करता है जीव-आचार्य सुधाकर जी महाराज

प्रतापगढ़। क्षेत्र के विजरा गांव में हो रही श्रीमदभागवत कथा में रविवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी। कथाव्यास आचार्य सुधाकर जी महाराज ने कहा कि भगवान उसी को शरण दिया करते हैं जो दूसरों के लिए सुखदायी हुआ करता है। उन्होनें कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की रक्षा के लिए अपने और पराये में कोई विभेद नही किया। उन्होने बताया कि श्रीमदभगवदगीता मनुष्य को कर्म के आधार पर सुख और दुख के बंटवारे के निर्णय का मार्ग प्रशस्त किया करती है। आचार्य जी ने कहा कि पूजा और आराधना दिखावे का आंशिक प्रतिफल भी नहीं दिया करती। उन्होनें कहा कि सच्चे मन से भगवान का स्मरण और कथाओं में भगवान की महिमा का वर्णन जीवन में आत्मसात करना ही पुण्य का एक मात्र मार्ग है। कथा श्रवण के लिए में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कथा के आयोजिका सीता पांडेय ,भास्कर पांडेय, लवलेश पांडेय ,निंरजन पांडेय एवं अवंतिका ने श्रीमदभागवत भगवान का पूजन अर्चन किया। इस मौके पर।प्रेम नारायण मिश्र ,गुड़िया प्रेमा मिश्र कंचन सुमित्रा, पूजा, श्रद्धा, साध्वी पाण्डेय आदि ने कथा में मौजूद रहे।

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