
मीरजापुर। चुनार क्षेत्र के ग्राम सभा भोरमार माफी मे खाद्य तथा रसद
की दुकान कुरैशा बेगम पत्नी स्वर्गीय आफताब आलम द्वारा संचालित किया जाता रहा है। विगत कई वर्षों से यह दुकान संचालित हो रही है। शांति एवं व्यवस्थित तरीके से दुकानों से लोग अपने राशन को प्राप्त कर लेते रहे हैं। वही विगत 2 महीने से बाहरी व्यक्ति शाहपुर निवासी शकील अहमद द्वारा उक्त दुकान को संचालित किया जा रहा है। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। बताते चलें कि शकील खान पुत्र स्व नशीर खान निवासी शाहपुर, नरायनपुर मीरजापुर से आकर ग्रामीणों के बीच में रौब जताते हुए दुकान का संचालन कर रहा है। मनमानी तरीके से उनका आना- जाना रहता है, नियमित समय पर उनकी उपस्थिति नहीं हो पाती है। वही ग्रामीण सुबह से अपने सारे काम को छोड़कर उनकी प्रतीक्षा में बैठे रहते हैं। जिससे ग्रामीणों का अपना एक दिन का पूरा समय तो नुकसान होता ही है वहीं मजदूर वर्ग के लोगों के सामने बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा हो जाता है। अपने राशन को लेने के चक्कर में अपने जरूरी तथा आवश्यक कार्य वह नहीं कर पा रहे हैं। वही मनमानी तरीके से कटौती कर राशन वितरण करने का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है। सूत्रों की माने तो शकील खान खाद्य तथा रसद विभाग को मोटी रकम तथा कुरैशा बेगम को मनचाहा धनराशि देकर अपने नाम पर कोटा चलाने का दावा करता है। साथ ही कहता है कि जिसको जो करना है वह कर ले हमारा ऊपर से
मनमानी
राशन लेने के चक्कर में अपने आवश्यक कार्य नहीं कर पाते कार्डधारक
मनमाने तरीके से कटौती कर राशन वितरण करने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप
सेटिंग चलता है। जहां एक तरफ गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को सरकार सुविधाएं पर सुविधाएं उपलब्ध कराती जा रही है। वहीं भोरमार माफी में संचालित राशन की दुकान ग्रामीणों के लिए सर दर्द बन चुका है। ऐसे में तमाम ग्रामीणों ने शकील द्वारा राशन वितरण की विरोध की बात कही है। साथ ही कुरैश बेगम पुनः अपने माध्यम से दुकान संचालित यदि कर सकती है तो ठीक है अन्यथा की स्थिति में राशन की दुकान को परिवर्तन करने की लोगों में मांग बनी हुई है। ऐसी स्थिति में यदि खाद्य तथा रसद विभाग सक्रिय होकर तत्परता से कार्य परिवर्तन नहीं दिखाता है तो कहीं न कहीं से खाद्य विभाग के आलाधिकारियों की मिली भगत तथा शासन प्रशासन की मांसाओं पर की बात होगी।