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आपसी सौहार्द एवं भाईचारे को बढ़ावा देने का पर्व है होली – संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

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*आपसी सौहार्द एवं भाईचारे को बढ़ावा देने का पर्व है होली – संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

अकबरपुर नगर के जोशी कंप्यूटर एंड कोचिंग इंस्टिट्यूट के सभागार में होली मिलन समारोह एवं हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ । वरिष्ठ कवि रामचंद्र द्विवेदी सरल की अध्यक्षता एवं उत्तर प्रदेश साहित्य सभा अंबेडकर नगर के जिला अध्यक्ष डॉ तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु के संचालन में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महात्मा गोविंद साहब इंटर कॉलेज दुल्हूपुर के प्रवक्ता राजित राम रहे । मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम का का शुभारंभ कवि सरल की वाणी वंदना से हुआ । कवि रामचंद्र द्विवेदी सरल ने पढ़ा – स्वागत है ऋतुराज के कैसी हवा ये चल गई , रुक न सकती रोकने से खुद प्रकृति ढल गई । सरल जी का मुक्तक – काम आएगा एक दिन खजाना नहीं , गर्व जिन पर उन्हें साथ जाना नहीं । फिर सरल इतना ऐश्वर्या क्यों आज है कल का कोई ठिकाना नहीं ।। काफी पसंद किया गया काफी पसंद किया गया । सुल्तानपुर से आए युवा कवि अखिलेश एहसास ने पढ़ा –कोई और क्या लिखेगा जो दीवाने लिखा करते हैं , टूटे दिल की आवाज से तराने लिखा करते हैं । किसी की चाहत में मशहूर होना आसान नहीं होता ,जल जल कर अपनी उल्फत परवाने लिखा करते हैं । संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने पढ़ा – उदास चेहरे को संवार क्यों नहीं लेते , अपने दिल का कर्ज उतार क्यों नहीं लेते । खूबसूरत दुनिया में जन्म लिया है तो , प्यार का नशा किसी पर उतार क्यों नहीं लेते । गोंडा से आए कवि सुरेंद्र राही ने – सैयां मोर मोहाय गइले नामक शीर्षक से लोकगीत सुना कर श्रोताओं को अवधी रस में सराबोर कर दिया । प्रयागराज से आए कवि अमित आनंद ने पढ़ा – मां बाप से ज्यादा कोई अपना नहीं होता , बिना आशीष के पूरा सपना नहीं होता । अगर मां बाप का साया तुम्हारे साथ है तो ,भूल से भी विपत्ति का सामना नहीं होता ।। युवा कवि विनीत शूरवीर ने अपने चुटीले मुक्तक सुनाकर श्रोताओं को खूब हंसाया । आजमगढ़ से आए गीतकार देवेंद्र तिवारी देव ने पढ़ा–फागुनी बाजार में अपार प्रीति घुल गई है , प्यार मनोहर के अनूप रूप छा गए । नौजवान शायर सूरज शौर्य ने पढ़ा –आदमी की आदमी से अब नहीं बनती , सो किसी की भी किसी से अब नहीं बनती । अयोध्या से आए कवि आनंद शक्ति पाठक ने पढ़ा –जीवन हो आनंद में हरदम रहे बहार , लेकर खुशियां आ गया रंगों का त्यौहार । शिक्षक कवि सर्वजीत ने होली पर आधारित हास्य कविता प्रस्तुत की । वरिष्ठ कवि मकरंद पाठक ने पढ़ा –लिए आ गई है रंगों की झोली , मनाओ चलें मिलकर हम लोग होली । अंत में मुख्य अतिथि प्रवक्ता राजित राम ने कवियों की सराहना करते हुए इस तरह के आयोजन में सक्रिय सहयोग का आश्वासन देते हुए सभी के प्रति शुभकामनाएं एवं आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर प्रमुख रूप से दयाशंकर तिवारी राकेश पांडेय , अशोक पांडेय एवं अन्य श्रोतागणों की उपस्थिति रही ।

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