
भोपाल। रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
अपनी एक दिवसीय मध्य प्रदेश प्रवास के अन्तर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को झाबुआ में जनजातीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होने लगभग 7500 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि झाबुआ, खरगोन, अलीराजपुर, धार, बड़वानी सहित मध्यप्रदेश के लिए करोड़ों रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण, गांवों की बेहतरी के लिए आदर्श गांव योजना में जारी राशि, बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़ी रेल परियोजनाएं, रतलाम और मेघनगर रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण और जनजातीय समाज की दो लाख बहन बेटियों के खातों में जारी 1500-1500 रुपए देने जैसे विकास के काम बताते हैं कि मध्यप्रदेश में डबल इंजन की सरकार डबल तेजी से काम कर रही है। विकास के इस महाभियान का श्रेय जनता को जाता है। प्रधानमंत्री ने टंट्या मामा के नाम पर क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय की घोषणा की।प्रधानमंत्री जनजातीय बहुल क्षेत्र झाबुआ के गोपालपुरा में जनजातीय बंधुओं से मिले । उन्होने विकास कार्यों पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री जनजातीय बंधुओं के विशाल कुंभ में अभिवादन स्वीकार करते हुए मंच पर पहुंचे। विशाल जनजातीय महाकुंभ में मध्यप्रदेश सहित गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के लोगों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने कहा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला सरकार ने लिया। टंट्या मामा के बलिदान को याद कर आज बलिदान दिवस मनाया जाता है और उन्हीं के नाम पर क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय की घोषणा की जा रही है। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा व फग्गन सिंह कुलस्ते पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, खजुराहो सांसद, जनजातीय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।प्रधानमंत्रीको वनवासी राम का स्मृति चिन्ह तथा तीर कमान भेंट कर उनका अभिवादन किया गया। इस अवसर पर क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा जो सबसे वंचित और सबसे पिछड़ा है, वही हमारी सरकार के लिए सबसे पहली प्राथमिकता है। सबसे पिछड़े जनजातीय समूह के लिए पीएम जनमन योजना आरंभ की है। अब तक विकास की मुख्य धारा से कटे जनजातीय समाज का तेज गति से विकास सुनिश्चित किया गया है। इसका लाभ मध्यप्रदेश के बैगा, भारिया और सहरिया जैसे जनजाति समूह को होने वाला है। जनजातीय जिलों में पीएम जन मन योजना में हजारों करोड़ के कार्य कराए जा रहे हैं।