
पूज्य गुरुदेव की समाधि
भगवान महावीर के शासन के वरिष्ठ संत रत्न, जैन धर्म की संयम परम्परा के गौरव, तपस्वी राज, पंडित रत्न,स्थविर परम पूज्य गुरुदेव श्रद्धेय श्री कानमुनिजी म.सा. का आज जलगांव में संथारा सहित देवलोकगमन हुआ।
९२ वर्ष की आयु में ८२ वर्ष की संयम साधना करके आप श्री की आत्मा ने अपने शुभ अशुभ कर्मो की निर्जरा करके आज के पवित्र दिवस को दिव्य लोक के लिए प्रस्थान कर लिया। मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं ट्रस्टी भारतीय जैन मिलन फाउंडेशन डा एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक डॉक्टर आरके जैन, डॉ डीके जैन, अनुज जैन, समाजसेवी अर्जित जैन, प्रशांत जैन समाजसेवी,थिंक मानवाधिकार संगठन की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन, प्राची जैन, ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन कोर कमेटी मेंबर शिवानी जैन एडवोकेट, शिवन्या जैन, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन,इं आकाश कुमार जैन, इं नितिन जैन आदि ने कहा कि आप के बताये धर्म मार्ग और ज्ञान को अपनाकर ही हम उन्हें सही मायनो में अपनी श्रद्धा की अभिव्यक्ति कर पाएंगे
अपनी बंद आँखों से कोटि कोटि नमन वंदन करते हुए उनके बताये मार्ग पर चल सके यही मंगलभावना है।