
कागजों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र, हकीकत में लटके रहते हैं ताले
सिद्धार्थनगर जिले के बढ़नी ब्लॉक मे संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत दयनीय है। अधिकांश केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण केंद्र कागज पर ही संचालित किए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे तो नामांकित हैं, मगर उनकी उपस्थिति न के बराबर है।लगभग 80% गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों के हालात एक जैसे हैं। ना कोई देखने वाला है, ना ही इन पर कोई कार्रवाई करने वाला। ऐसे में केंद्र पर पंजीकृत बच्चों को न तो प्राइमरी से पूर्व प्री-शिक्षा मिल पाती है और न ही योजनाओं का लाभ। ये हाल तब है जब निगरानी के लिए परियोजना स्तर पर सुपरवाइजर व सीडीपीओ की तैनात है। बढ़नी ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्र में सोमवार को औदहीकला, रोमनदेई सहित कई केंद्रों पर मिले ताले 60 फीसदी आंगनबाड़ी केंद्र समय पर नहीं खुलते हैं। मर्जी के अनुसार आंगनबाड़ी वर्कर केंद्रों को खोलती हैं। केंद्रों पर सोमवार सुबह करीब 10 बजे तक ताले जड़े थे। बन्दे भारत न्यूज लाइब की टीम के द्वारा पड़ताल के दौरान टीम को पता चला कि दोनों अक्सर केंद्र से गायब रहती है आंगनबाड़ी केंद्र पर अक्सर ताला जड़ा रहता है।