
बिजली निगम को वापस करना होगा जुर्माना
महानगर के जीटी रोड इलाके के एक क्लीनिक बिल में विद्युत निगम ने पावर फैक्टरी पैनाल्टी लगाकर वसूली कर ली । जब उपभोक्ता ने इसे गलत करार दिया तो फिर उसे संशोधित कर दिया गया । मगर पैनाल्टी वसूल ली । इसके खिलाफ स्थायी लोक अदालत में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद पैनाल्टी वापसी के आदेश दिए गए हैं । गांधीपार्क इलाके के डा . मुकेश चंद्रा अनुसार उनके क्लीनिक पर
आठ किलोवाट विद्युत संयोजन था । जिस पर 26 दिसंबर 2007 से लेकर 6 नवंबर 2015 तक पावर फैक्टर पैनाल्टी लगाकर बिल भेज दिया गया । जब इसे लेकर शिकायत की गई तो दिसंबर 2015 के बिल में पैनाल्टी संशोधित कराने का आदेश तो दिया , मगर उक्त अवधि को छोड़कर बिलों की पैनाल्टी हटाई गई । इस मामले में अधिशासी अभियंता शहरी प्रथम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम
लिमिटेड के खिलाफ याचिका दायर की गई । जिसकी सुनवाई करते हुए स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष उपेंद्र कुमार , वरिष्ठ सदस्य सत्यदेव व आरती की पीठ ने अधिशासी अभियंता को दो माह के अंदर पावर पैनाल्टी के नाम पर वसूली गई 45 हजार 802 रुपये की धनराशि वापस करने या अगले बिलों में समायोजित करने के आदेश दिए हैं । निर्धारित समय में भुगतान न करने पर सात प्रतिशत ब्याज भी देना होगा ।
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