प्रशिक्षण • मितानिन बहनें हमारे स्वास्थ जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, उनके बिना नहीं मिल सकता है लाभ: रश्मि साहू
मितानिनों को बताया गया- कैसें करें नवजातों की देखभाल

पलारी मितानिन बहनें हमारे स्वस्थ्य जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये वही लोग हैं जो हमारे जितने भी दिनचर्या में हमारे स्वास्थ्य के प्रति में जागरूक कर समय-समय पर उपचार के लिए अस्पताल और दवा उपलब्ध कराती हैं। आज जीवन का एक अभिन्न अंग हो गई हैं। यह बात 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में एमटी रश्मि साहू ने कही।
उन्होंने बताया कि आज सभी के पास अस्पताल जाने या अपनी नियमित जांच कराने के लिए समय नहीं रहता। लोग छोटी बीमारी के लिए अस्पताल जाने के नाम पर नजर अंदाज कर देते हैं। ऐसे में
छोटी बीमारी कब बड़ी हो जाती है लोगों को पता ही नहीं चलता और फिर अआनक, बीपी, शुगर बढ़ने से व्यक्ति की मौत हो जाती है। वहीं गर्भवती माताओं को भी समय-समय में अस्पताल ले
जाकर स्वस्थ प्रसव कराने व नियमित रूप से दवाई देने, उनकी जांच के लिए घर-घर जाकर संपर्क कर उन्हें स्वस्थ जीवन जीने का मंत्र देती हैं, जिससे लोग मितानिन
बहनों की बात पर भरोसा करके
पलारी 16 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए मितानिन बहने। इस दौरान उन्हें कई विषयों पर जरूरी जानकारी दी गई।
उनके बताए सुझाव को मानते हैं और उनकी दी दवाई को भी खाते हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। इससे जज्जा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। इस अवसर पर दमयंती
साहू, मीना चौहान, शशि वर्मा, राजेन बांधे, मौसमी कन्नौजे, नेमेश्वरी साहू, लक्ष्मी साहू, बीसी चंद्रावली बंजारे, ब्लॉक समन्वय, डीसी उमेश पांडे जिला समन्यवक आदि मौजूद रहे।
इन विषयों पर दिया प्रशिक्षण
वहीं एमटी रश्मि साहू ने बताया कि मितानिन बहनों को 6 दिन के आवासीय प्रशिक्षण में बताया गया कि गर्भवती महिलाओं में खतरे के लक्षण को कैसे पहचाना जाए। बीमार नवजात बच्चे की उचित देखभाल, बच्चे को गर्म रखने कंगारू विधि की जानकारी देना, बच्चे को स्तनपान निमोनिया से बचाना, सुरक्षित गर्भपात, महिलाओं के कानूनी अधिकार, अस्पताल में मरीजों के अधिकार वहीं मितानिन को बीपी, सिकासेल, कुपोषण, पोषण व खून की कमी, दांतों की देखभाल, लू लगना, खुजली, चेचक, टाइफाइड, आयोडीन से बचने नामक के रख रखाव आदि के संबंध में विस्तार से शिविर में जानकारी दी।