अन्य खबरे

कटनी चौपाटी पर खूनी खेल: दो युवकों की चाकू मारकर हत्या, पुलिस की नाकामी फिर उजागर

 

कटनी कटनी पुलिस की लचर कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। रविवार-सोमवार की रात कोतवाली थाने से महज 500 मीटर दूर चौपाटी पर दो पक्षों के बीच हुए विवाद ने खूनी रंग ले लिया। चाकूबाजों ने गायत्री नगर के 23 वर्षीय रोशन सिंह और 22 वर्षीय उत्कर्ष दुबे की बेरहमी से हत्या कर दी, जबकि 20 वर्षीय विनेश गंभीर रूप से घायल होकर जबलपुर रेफर किया गया। हमलावर सागर और तातुली घटना को अंजाम देकर फरार हैं, और पुलिस की सुस्ती के चलते अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इस घटना ने पुलिस के ऑपरेशन शिकंजा, नशा मुक्ति अभियान और रात्रि गश्त के दावों की पोल खोल दी है।

 

Related Articles

पुलिस की निष्क्रियता से अपराधियों के हौसले बुलंद

शहर में बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने कटनी पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। रात करीब 1 बजे चौपाटी पर सागर और तातुली ने तीन युवकों पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला किया। घायलों की हालत इतनी नाजुक थी कि वे हमले का कारण भी नहीं बता सके। रोशन और उत्कर्ष ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि विनेश जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। यह घटना शहर में दहशत का माहौल पैदा कर रही है। आखिर पुलिस की मेगा ड्राइव और नशा मुक्ति के दावे कहां हैं? अपराधी बेखौफ होकर शहर के प्रमुख स्थानों पर खुलेआम चाकूबाजी कर रहे हैं, और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।

 

ऑपरेशन शिकंजा और नशा मुक्ति अभियान की हकीकत बेनकाब

पुलिस के तथाकथित ऑपरेशन शिकंजा, कांबिंग गश्त और नशा मुक्ति अभियान की हकीकत इस घटना ने उजागर कर दी है। नशे में चूर बदमाश खुले आम चाकूबाजी कर रहे हैं, और पुलिस के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। प्रदेश मुख्यालय के निर्देशों के बावजूद मादक पदार्थों की तस्करी और अपराधों पर अंकुश लगाने में पुलिस पूरी तरह विफल रही है। यह घटना न केवल पुलिस प्रशासन की नाकामी को दर्शाती है, बल्कि शहरवासियों में असुरक्षा की भावना को और गहरा रही है। क्या पुलिस अब भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ेगी, या शहर को अपराधमुक्त बनाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी?

Back to top button
error: Content is protected !!