
पहले खेली गई होली और फिर अदा हुई नमाज: संभल में दिखा अनूठा भाईचारा, हिंदू-मुस्लिम समुदायों ने साथ मिलकर फैलाया रंगों का संदेश
📍 स्थान: संभल, उत्तर प्रदेश
📆 तारीख: 14 मार्च 2025
📝 रिपोर्टर: मानस मिश्रा
🌸 त्योहारों का संगम: जब रंग और इबादत एक साथ आए
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में इस बार होली और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने के बावजूद जो नज़ारा सामने आया, वह देश को आपसी सौहार्द और गंगा-जमुनी तहज़ीब का खूबसूरत संदेश देता है।
जहाँ एक ओर लोगों ने रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय ने शांति और अनुशासन के साथ जुमे की नमाज़ अदा की।
इस दौरान दोनों समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर गुलाल लगाया, मिठाई खिलाई और अपने-अपने धर्म के अनुसार उत्सव मनाया — बिना किसी तनाव के।
🪔 होली के रंग में रंगा संभल
सुबह से ही संभल के मोहल्लों, गलियों और बाजारों में रंगों की बौछार थी। युवा, बच्चे, बुज़ुर्ग — सभी अबीर-गुलाल उड़ाते, एक-दूसरे को बधाई देते नज़र आए।
परंपरागत “चौपाई का जुलूस” भी निकाला गया, जिसमें ढोल-नगाड़ों के साथ लोग नाचते-गाते हुए शांति और एकता का संदेश देते नज़र आए।
इस जुलूस में हिन्दू समुदाय के साथ-साथ कई मुस्लिम भाइयों ने भी भाग लिया। यह दृश्य संभल के सामाजिक ताने-बाने की ताकत को दर्शाता है।
🕌 इबादत में लिपटी नमाज़
होली के रंग खत्म होने के कुछ ही समय बाद, दोपहर में शाही जामा मस्जिद और शहर की अन्य मस्जिदों में जुमे की नमाज़ अदा की गई।
इमामों ने देश की तरक्की, अमन-चैन और भाईचारे के लिए दुआ मांगी।
इस अवसर पर मुस्लिम युवाओं ने अपने हिन्दू दोस्तों को होली की मुबारकबाद दी, और गुलाल भी लगाया।
🛡️ प्रशासन की सक्रियता से बना सौहार्दपूर्ण माहौल
पिछले वर्ष (2023) में मस्जिद सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा को देखते हुए इस बार प्रशासन पूरी तरह सतर्क था।
- पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी सुबह से ही शहर में गश्त कर रहे थे।
- ड्रोन कैमरों, CCTV और सोशल मीडिया की निगरानी की जा रही थी।
- कुल मिलाकर दोनों समुदायों को विश्वास में लेकर माहौल को शांत और सुरक्षित रखा गया।
एसपी और डीएम ने खुद शहर के विभिन्न हिस्सों में निरीक्षण कर स्थिति पर नजर रखी।
🗣️ लोगों की प्रतिक्रिया:
✔️ मोहम्मद रईस (व्यापारी):
“हमने पहले अपने हिन्दू भाइयों को होली की मुबारकबाद दी, फिर नमाज़ अदा की। जब लोग आपस में प्यार से रहें, तो किसी को लड़ाने का मौका नहीं मिलता।”
✔️ रामप्रसाद यादव (शिक्षक):
“आज समझ में आया कि धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन दिल अगर साफ हों तो हम सब एक हैं। संभल ने एकता की मिसाल पेश की है।”
📸 गुलाल और गले मिलन की तस्वीरों ने जीता दिल
होली के बाद सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हुईं जिनमें:
- मुस्लिम युवक अपने हिन्दू दोस्तों को गुलाल लगाते दिखे
- एक ही चौक पर रंग और नमाज़ दोनों के दृश्य
- पुलिसकर्मी भी बच्चों के साथ होली खेलते नज़र आए
🎯 भविष्य की राह:
संभल में जिस प्रकार दोनों समुदायों ने समझदारी, सम्मान और अपनापन दिखाया, वह देश के लिए एक मिसाल है।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर जनमानस खुद आगे आए, तो किसी भी तरह की नफरत या अफवाहें टिक नहीं सकतीं।
🔚 निष्कर्ष:
संभल ने इस होली पर दिखाया कि त्योहार नफरत नहीं, प्रेम और सौहार्द का माध्यम हो सकते हैं।
जब होली का रंग और नमाज़ की पाकीज़गी एक साथ दिखे, तो न सिर्फ त्योहार सफल होता है, बल्कि देश का सामाजिक ताना-बाना और मजबूत होता है।