
📍 घोषणा का संदर्भ:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार आने वाले 5 वर्षों में करीब ढाई लाख (2.5 लाख) पदों पर भर्ती करेगी। यह भर्ती सभी सरकारी विभागों में की जाएगी, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व, प्रशासन और तकनीकी विभाग शामिल होंगे।
सीएम ने कहा:
“राज्य में युवाओं को रोजगार देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम हर विभाग में रिक्त पदों को भरने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।”
📌 मुख्य बिंदु:
- 🔹 कुल 2.5 लाख भर्तियाँ आगामी 5 वर्षों में।
- 🔹 भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है — कुछ विभागों में विज्ञापन जारी किए जा चुके हैं।
- 🔹 मुद्दा चुनावी घोषणा पत्र से जुड़ा है — बीजेपी ने वादा किया था युवाओं को रोजगार देने का।
- 🔹 सीएम मोहन यादव ने कहा कि भर्ती पारदर्शी और मेरिट आधारित होगी।
🗨️ कांग्रेस का पलटवार:
सीएम की घोषणा के बाद कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा:
“भाजपा सरकार ने पिछले 18 सालों से सिर्फ झूठे वादे किए हैं। अब चुनाव जीतने के बाद लोगों को भ्रमित करने के लिए भर्ती का सपना दिखाया जा रहा है।”
अन्य कांग्रेस नेताओं का कहना है:
- यह घोषणा युवाओं को गुमराह करने का प्रयास है।
- सरकार को पहले यह बताना चाहिए कि पिछले कार्यकाल में कितनी भर्तियाँ पूरी हुईं?
- जिन परीक्षाओं के रिजल्ट सालों से लंबित हैं, उनका क्या होगा?
🔎 युवाओं की प्रतिक्रिया:
राज्य के लाखों बेरोजगार युवा इस घोषणा को उम्मीद की किरण मान रहे हैं, लेकिन साथ ही वे सतर्क भी हैं। सोशल मीडिया पर कई युवाओं ने लिखा:
- “सरकारी भर्ती की घोषणाएँ तो पहले भी हुईं, अब हमें वादा नहीं, वास्तविक नियुक्ति पत्र चाहिए।”
- “अगर भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी होती है तो यह स्वागत योग्य कदम है।”
🧮 भर्ती के अनुमानित क्षेत्र:
- शिक्षा विभाग:
- प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, प्रोफेसर, गेस्ट फैकल्टी
- स्वास्थ्य विभाग:
- डॉक्टर, नर्स, ANM, लैब टेक्नीशियन
- पुलिस विभाग:
- कांस्टेबल, सब-इंस्पेक्टर, ड्राइवर
- राजस्व और प्रशासन:
- पटवारी, क्लर्क, लेखापाल, सहायक ग्रेड
- तकनीकी सेवाएँ:
- इंजीनियर, आईटी स्टाफ, तकनीकी सहायक
📊 राजनीतिक असर:
सीएम मोहन यादव की यह घोषणा बीजेपी के लिए राजनीतिक रूप से फायदेमंद हो सकती है, खासकर युवा वोटरों को लुभाने के लिए। लेकिन कांग्रेस का विरोध और पहले के वादों की असफलता भाजपा के लिए एक चुनौती बन सकती है।