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अयोध्या के बाद अब अंबेडकर नगर में भी मीटर का खेल शुरू हुआ*

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*अयोध्या के बाद अब अंबेडकर नगर में भी मीटर का खेल शुरू हुआ*

*कर्मचारी ही लगा रहे हैं बिजली विभाग को चपत*

*बिजली विभाग में एक ही उपखंड पर लंबे समय से जमे होने के कारण भ्रष्टाचार बिजली विभाग में चरम सीमा पर*

अम्बेडकर नगर।
एक तरफ बिजली विभाग राजस्व वसूली पर जोर दे रहा है, दूसरी ओर विभाग के ही लोग हर महीने लाखों रुपये की चपत लगा रहे हैं।अधिकारी लाख दावा करें. चोरी रोकने के लिए नई-नई योजनाओं पर अमल किया जाए. लेकिन बिजली चोर अधिकारियों से चार कदम आगे हैं. बिजली चोरी का ताजा मामला भी ऐसा ही है. पहले घरों के अंदर मीटर लगे होने पर उन्हें शंट (चिप) लगाकर धीमा कर लिया जाता था, लेकिन जब मीटर बाहर लगे तो यह खेल बंद हो गया। अब फिर से शंट लगाकर बिजली चोरी की जाने लगी है। जांच का शक होने पर मीटर में आग लगाकर साक्ष्य मिटा दिए जाते हैं। मिली जानकारी के अनुसार जनपद मुख्यालय के कस्बा शहजादपुर कोडरा की बाग में मुआसिर मेहंदी द्वारा मीटर में शंट लगी होने के मामले की जानकारी बिजली विभाग के बिजली कर्मी अरविंद तिवारी के संज्ञान में आने के बाद उपभोक्ता को बचाने के लिए नया तरीका निकाल लिया और शंट लगे मीटर को आग लगाकर जला दिया। और मीटर विभाग के चंद्रदेव दुबे द्वारा (प्रभारी जीएमटी) से मिलकर नया मीटर भी लगवा दिया पुराने मीटर का AC 5495548648 यही है। उपभोक्ता के साथ निजी स्वार्थ में लिप्त होकर बिजली विभाग के कर्मचारियों संग मिलकर अंजाम दिया।इससे एक बात साफ होती है कि विभाग के अंदर के ही लोग मीटर स्लो करने के इस पूरे खेल में शामिल हैं। जबकि इसके लिए मुख्य आरोपी बिजली विभाग के ही कुछ लोग हैं। मामले की पोल खुलने के बाद विभाग की टीम हैरत में पड़ गई।अगर मीटर विभाग से उपभोक्ता का पुराना मीटर मांगा जाए तो पूरा दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। लोगों द्वारा बताया जाता है कि बिजली विभाग में एक ही उपखंड पर लंबे समय से जमे होने के कारण भ्रष्टाचार बिजली विभाग में चरम पर चल रहा है। बिना सुविधा शुल्क के मीटर भी नहीं लगाए जाते यह लोगों द्वारा बताया जाता है। अभी जल्द ही परमात्मा राम जे ई के रिश्वतखोरी का वीडियो वायरल हो रहा था मिली जानकारी के अनुसार सेटिंग गेटिंग के तहत जिम्मेदार अधिकारी उन्हें फिर बहाल करने की फिराक में हैं और बहाल होते ही साहब फिर अपनी आर्थिक क्षति की भरपाई में लिप्त हो जाएंगे।इन सब मामलों में बड़े अधिकारियों की भी संलिप्तता प्रतीत होती है।

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