
कारगिल युद्ध में घाव लेकर अपने गांव लौटे रामनाथ सिकरवार फ़तेहपुर सीकरी में गरीबों की एकमात्र आवाज हैं। 20 वर्षों से एक मंदिर में रहते हैं। इनकी एकमात्र गाड़ी में आपको दरी और बाल्टी हमेशा मिलेगी। जिस गाँव जाते हैं वहाँ बीच में बाल्टी रख देते हैं जनता जो मदद देती है उसी से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में मात्र 1% मतों से चुनाव हार गये थे। सीकरी को जानने वाला कोई भी आपको बता देगा कि रामनाथ सिकरवार आज मुख्य लड़ाई में हैं।
पूरे उत्तर प्रदेश का सबसे अद्भुत, जमीनी, ईमानदार प्रत्याशी और एक सच्चे जन नेता के सभी आदर्शों को आत्मसात किए हुए एक पूर्व फौजी जो न्याय-अन्याय के युद्ध में दरअसल अब जनता का फौजी बन चुका है।
एक चाहने वालेफिल्मकार ने रामनाथ ने जीवन और संघर्ष पर यह फ़िल्म बनाई है। जरूर देखें और दिखाएं।