
मौके पर पहुंच कर बाल विवाह रोकने की कार्यवाही की
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विदिशा नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 2 जतरापुरा क्षेत्र में बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए महिला बाल विकास विभाग द्वारा गठित दल ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह रोकने की कार्यवाही की है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री भरत सिंह राजपूत ने बताया कि जतरापूरा क्षेत्र में 21 अप्रैल 2024 को बाल विवाह होने की सूचनाओं प्राप्त हुई थी मामले को संज्ञान में लेकर त्वरित कार्यवाही करते हुए एक टीम बनाकर मौके पर भेजा गया जहां दस्तावेजों की जांच पड़ताल करने के उपरांत सामने आया कि परिजनो द्वारा बाल विवाह कराया जा रहा है। मौके पर बालक के शैक्षणिक दस्तावेज में जन्मतिथि 01 जनवरी 2007 पाई गई और बालिका के शैक्षणिक दस्तावेज में जन्मतिथि 25 मार्च 2008 अंकित पाई गई थी। बालिका के परिजनों का कहना था कि आदिवासी समाज में कम आयु में विवाह कर दिया जाता है। विभाग द्वारा बालक और बालिका के परिजनों को समझाईश दी गई और लिखित में कथन लिए गए। बालक और बालिका के परिजनों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में भी जानकारी दी गई। दल के द्वारा मौके पर पंचनामा भी तैयार किया गया है। दोनों पक्षों द्वारा लिखित में सहमति दी गई कि यदि बाल विवाह किया गया तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
बाल विवाह की रोकथाम के लिए मौके पर पहुंचे दल में बाल विवाह रोकथाम के शाखा प्रभारी श्री मुकेश ताम्रकार, पर्यवेक्षक श्रीमती शुभांगी शर्मा, आरक्षक विशेष किशोर पुलिस इकाई विदिशा श्रीमती ममता सिंह और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती अर्चना कुशवाह ने बाल विवाह रोकने में कारगर भूमिका निभाई है।