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भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम कांग्रेस ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व को सराहा, जब अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकीं थीं

कांग्रेसियों ने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने में अमेरिका की मध्यस्थता पर सवाल उठाया और इंदिरा गांधी के नेतृत्व को याद किया

चाईबासा । प०सिंहभूम जिला के कांग्रेसियों ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सोमवार को कांग्रेस भवन , चाईबासा में याद किया, जिन्होंने अमेरिकी दबाव के बावजूद सैन्य अभियान चलाया, जिसके चलते 1971 में बांग्लादेश वजूद में आया और पाकिस्तान का विभाजन हुआ । कांग्रेसियों ने एक स्वर में कहा कि वर्तमान में भारत और पाकिस्तान गतिरोध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से देशवासी हैरान है ।
कांग्रेसियों का कहना है कि बांग्लादेश (तब तक पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था) की आजादी, भारतीय सेना के समक्ष 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण, तथा उसके बाद इंदिरा गांधी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच शिमला समझौता, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता न करने की बात कही गई थी, ये सभी एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे ।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की घोषणा दस मई को ही कर दी, जबकि दोनों देशों ने इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की थी। आगे कांग्रेसियों ने कहा कि हम सभी इंदिरा गांधी को याद करते है, जिन्हें आज आयरन लेडी कहा जाता है । 1971 में उन्होंने अमेरिका से कहा था कि कोई भी अन्य देश भारत को यह नहीं बता सकता कि उसे क्या करना चाहिए, उन्होंने अमेरिकी धरती पर यह टिप्पणी की, उनकी आंखों में आंखें डालकर देखा, उनके फरमान की अवहेलना की और वही किया जो भारत और हमारे राष्ट्रीय हित के लिए सही था, अमेरिका ने तब भारत को धमकी दी थी कि अगर नई दिल्ली ने उनके फरमान का पालन नहीं किया तो वह अपना सातवां बेड़ा भेज देगा, लेकिन वह उनके दबाव के आगे खड़ी रहीं ऐसा करके उन्होंने पाकिस्तान को हमेशा के लिए दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया। मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास , महासचिव लियोनार्ड बोदरा , प्रवक्ता त्रिशानु राय , नगर अध्यक्ष मो.सलीम , प्रखंड अध्यक्ष दिकु सावैयां , सकारी दोंगो , वरीय कांग्रेसी राम सिंह सावैयां , अशोक सुंडी , गोपी बोदरा , अशोक मुंडरी , सोमाय सुंडी , सुशील दास , मिल्टन सुंडी आदि उपस्थित थे।

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