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सूचना आयोग के आदेश उड़ते है हवा में।

पंचायत समिति नोहर में उड़ाई जाती है आदेशों की धज्जियां।

http://मोहरसिंह,नोहर,जिला, हनुमानगढ़,राजस्थान। ………………………………… सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1) में आवेदन प्रेषित किए जाने के बाद प्रथम आवेदन पर लोकसूचना अधिकारी एवं विकास अधिकारी पंचायत समिति नोहर द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया जाता।।।। इसी क्रम में लोकसूचना प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं प्रधान महोदय पंचायत समिति नोहर द्वारा भी धारा 19(1) की प्रथम अपील पर अनुमत निर्णय पारित नहीं किया जाता है। *आदेशों की उड़ाई जाती है धज्जियां* सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19(3) में राजस्थान राज्य सूचना आयोग द्वारा वाकायदा निर्णय पारित कर दिया जाता है व निर्देश दिया जाता है कि अपीलार्थी आवेदक को निर्णय प्राप्ति के बाद 15 दिवस में वांछित सूचना प्रेषित करवाएं व आयोग को अवगत करवाएं। लेकिन आदेशों की अवहेलना की जाकर आदेश हवा में उड़ा दिए जाते हैं। *10 अपील अभी भी आदेशों की पालना में……* सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19 (3) में अब तक लगभग 10 आदेश लोकसूचना अधिकारी एवं विकास अधिकारी पंचायत समिति नोहर को प्राप्त हो चुके है, लेकिन एक भी आदेश की पालना आजतक नहीं करवाई गई है, इससे यह प्रमाणित पाया जाता है कि पंचायत समिति नोहर में सूचना आयोग के आदेशों का स्तर शून्य हैं। *आयोग को करवाया जाएगा अवगत।* अधिनियम की धारा 19(3) में पारित किए गए निर्णयों की अवहेलना के संबंध में माननीय राजस्थान राज्य सूचना आयोग जयपुर को लिखित में अवगत करवाया जाएगा कि पंचायत समिति नोहर में आयोग के आदेशों की कोई कीमत नहीं है व आदेश हवा में उड़ाए जा रहे हैं। *दंडित करने का भी हैं प्रावधान* आदेशों की अवहेलना करने पर अधिनियम की धारा 20 (1) में अर्थ दंड से दंडित करवाए जाने का प्रावधान भी है,यदि अपीलार्थी आवेदक आयोग को यह सुनिश्चित करवा दें कि आयोग के आदेश रद्दी की टोकरी में डाल दिए गए है तो आयोग संज्ञान लेता है व लोकसूचना अधिकारी को अर्थ दंड से दंडित करने का अधिकार रखता हैं। *क्यों जारी नहीं की जाती सूचना???* सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1)में यदि सूचना जारी कर दी जाती है तो भ्रष्ट कार्यशैली के लोकसेवकों की पोल खुलनी शुरू हो जाती है,इसी भय के चलते लोकसूचना अधिकारी सूचना जारी करने से परहेज रखते हैं ,लेकिन आवेदक आयोग से बार बार पत्राचार कर सूचना जारी करवा ही लेते हैं।।

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