
भोपाल रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन
पिछले कई महीनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वाइरल हो रहा है। वीडियो में नाइट्रोजन स्मोक बिस्किट खाने के बाद एक लड़का दर्द से तड़पता हुआ नज़र आ रहा है। जैसे-जैसे वीडियो आगे बढ़ता है, लड़का दर्द से चिल्लाता हुआ और मदद मांगता हुआ दिखाई दे रहा है स्मोक्ड बिस्किट के सेवन के कारण उसकी तबीयत बिगड़ने लगती है। वीडियो कहाँ का है इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन वीडियो ने इस बात पर चर्चा छेड़ दी है कि लोगों को अपने बच्चों को ऐसे उत्पादों का सेवन कराने से सावधान रहना चाहिए। आजकल लोगों में व्यंजनों को आकर्षक बनाने के लिए कैफे और रेस्तरां में तरल नाइट्रोजन के सेवन का चलन हो गया है लेकिन क्या तरल नाइट्रोजन का सेवन स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है? एक रिसर्च के अनुसार तरल नाइट्रोजन से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। तरल नाइट्रोजन का वाष्प त्वचा के ऊतकों और आंखों के तरल पदार्थ को तेजी से जमा सकता है। जिसके फलस्वरूप जलन, शीतदंश और कुछ देर संपर्क में आने से भी आंखों की स्थायी क्षति हो सकती है। तरल नाइट्रोजन मनुष्य के स्वास्थ्य को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है इस बात को विस्तार से जानते हैं । तरल नाइट्रोजन का सेवन सुरक्षित नहीं है सीधे ग्रहण करने से संभावित रूप से मुंह,गले, पाचनतंत्र और पेट में गंभीर जख्म हो सकते है। तरल नाइट्रोजन अत्यधिक ठंडा होता है और यह संपर्क में आने पर ऊतकों को जमा देता है, जिसके फलस्वरूप शीतदंश या ऊतक क्षति हो सकती है। यदि निगल लिया जाए, तो तरल नाइट्रोजन तेजी से गैस में बदल जाता है । जिससे पाचन तंत्र के भीतरी दबाव में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है, जिससे अंगों में छिद्र या टूटना हो सकता है। इससे गंभीर पेट दर्द, मतली, उल्टी और भी कई गंभीर स्थिति पैदा हो सकती हैं।आम तौर पर, तरल नाइट्रोजन सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है, लेकिन खास तौर पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से पूरी तरह बचना चाहिए। बच्चे तरल नाइट्रोजन की अत्यधिक ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इनसे उत्पन्न खतरों के बारे में कम जागरूक होते हैं। गर्भवती महिलाओं को भी तरल नाइट्रोजन के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इससे उनके और भ्रूण दोनों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।इसके अलावा जो लोग श्वास संबंधी समस्याओं या एलर्जी से ग्रस्त हैं उन लोगों को भी तरल नाइट्रोजन गैस को अंदर लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे श्वास अवरोध हो सकता है या मौजूदा श्वसन समस्याएं बढ़ सकती हैं।