
शहर के सोनपुरी रोड स्थित बाबा भूतेश्वर नाथ शिव मंदिर में चल रहे 11 दिवसीय पार्थिव शिवलिंग रूद्राभिषेक के छठवें दिन शुक्रवार को लगभग 100 जोड़ों ने शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया। आचार्य पुरेन्द्र पाण्डेय ने वैदिक मंत्रोचारण के साथ अभिषेक पूजन कराया। महोत्सव के तहत बड़ी संख्या में महिलाओं ने पार्थिव शिवलिंग का निर्माण विधि विधान से किया। इसके बाद
पूजन और अभिषेक किया गया। महा रुद्राभिषेक के इस कार्यक्रम में बलौदाबाजार शहर सहित आसपास के जिलों के श्रद्धालु दंपतियों ने भाग लेकर भगवान शिव के पार्थिव स्वरूप को दूध, दही, घी, जल, शहद व गन्ने के रस से मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक किया। मंत्रोच्चारण के दौरान भुतेश्वर नाथ शिव मंदिर
पूरी तरह शिवमय बना रहा।
महारुद्र अभिषेक कार्यक्रम सवेरे 9
बजे एवं दोपहर 12 बजे दो चरणों में याज्ञिक पंडित गिरधर महराज सहित उनके साथी सहायक विद्वानों द्वारा मंत्रोचारण के साथ प्रारंभ किया गया। दिन भर विद्वान पंडितों के मार्गदर्शन में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की
बलौदाबाजार। शुक्रवार को दो चरणों में लगभग 100 श्रद्धालु जोड़ों ने किया रूद्राभिषेक।
पूजा अर्चना की कार्यक्रम में प्रथम पंक्ति के शिवलिंग को द्वादश ज्योतिर्लिंग के रूप में आकार प्रदान किया गया था। कार्यक्रम के बाद पंगत प्रसादी का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैकडों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
मंदिर समिति द्वारा किया जा रहा है व्यवस्था का इंतजाम
पूजन की सर्वाधिक खास बात यह है कि पूजन में बैठने वाले लोगों को किसी भी प्रकार का इंतजाम स्वयं नहीं करना पड़ रहा है बल्कि पूजन में उपयोग होने वाली पूरी सामग्री जैसे बैठक व्यवस्था, पूजन सामग्री, फल, फूल, दूध, शहद, दही, शिवलिंग, रूद्राभिषेक में उपयोग होने वाले पूरे बर्तनों समेत पूजन की पूरी व्यवस्था का इंतजाम मंदिर समिति द्वारा किया जा रहा है जिससे लोग बेहद प्रसन्न हैं तथा बगैर किसी चिंता या इंतजाम के वे पूजन में भाग ले रहे हैं। पार्थिव शिवलिंग रूद्राभिषेक के दौरान जिन लोगों को जमीन पर बैठकर पूजन करने में स्वास्थगत परेशानी होती है उनके लिए कुर्सी टेबल का भी प्रबंध मंदिर समिति द्वारा ही किया गया है जिसकी वजह से अधिक उम्र के लोग भी प्रसन्नमन से रूद्राभिषेक पूजन कर पा रहे हैं।
सहदेव पाण्डेय ने कहा कि रुद्राभिषेक कार्यक्रम से व्यक्ति के समस्त पापों का निवारण संभव है। भगवान शिव अल्प साधना से प्रसन्न होने वाले देव हैं और प्रत्येक व्यक्ति को वर्ष में एक बार रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए