A2Z सभी खबर सभी जिले कीUncategorizedअन्य खबरेअलीगढ़उत्तर प्रदेशटेक्नोलॉजी
Trending

दहेज एक कुप्रथा-शिवानी जैन एडवोकेट

दहेज एक कुप्रथा-शिवानी जैन एडवोकेट

 

ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा दहेज प्रथा देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को रोकती है। हमें इसे समाप्त करने के लिए संघर्ष करना चाहिए ताकि समाज एक न्यायपूर्ण, समतापूर्ण और उद्धारवादी दिशा में बढ़े। यह प्रथा भारतीय समाज में बहुत समय से मौजूद है और यह एक गंभीर सामाजिक समस्या के रूप में मानी जाती है।

थिंक मानवाधिकार संगठन की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि इस प्रथा के चलते नारी जीवन त्रस्त है। ना जाने कितने कन्याएं इसकी बलिवेदी पर जल रही है। हमारी सामाजिक संरचना इससे बुरी तरह प्रभावित हुई है। लंबी अवधि की गुलामी ने भारतीय समाज को जर्जर और कुंठाग्रस्त बना दिया है इसके चलते हमारा समाज विभिन्न प्रकार की कुर्तियों का संग्रह बन गया है। दहेज प्रथा इन्ही कुरीतियों में सबसे विषम कुरीति है। दहेज की रूढि के चलते भारतीय समाज निराश के अंधकार में भटक रहा है।

मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक डॉ आरके जैन, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, आलोक मित्तल एडवोकेट, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, डॉ अमित गुप्ता,सार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट, मीरा एडवोकेट आदि ने कहा कि दहेज प्रथा रूढ़िवादिता, शोषण एवं सामाजिक अंधविश्वास का जीता जागता उदाहरण है। यह विशाल सर्प की तरह पूरे समाज को अपनी कुंडली में समेटे हुए हैं।

जितना वह शिक्षित होते हैं उसी अनुसार वह वधू पक्ष से दहेज की डिमांड करते हैं। वर को दहेज से तौला जाता है। वर्तमान समय में दहेज का इतना डिमांड हो रहा है कि कन्या के पिता की पूरी जीवन की ‌कमाई उसमें चला जाता है।

उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न प्रकार की कुरीतियों में दहेज प्रथा बहुत बड़ी कुरीति है।

जबकि दहेज लेना और देना कानूनी अपराध है।

शिवानी जैन एडवोकेट

डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!