विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई
प्रशासन के सामने एक साथ दोहरी चुनौती मीरा रोड हिंसा के बाद खड़ी हुई है।
मुंबई/अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जहां पूरा देश खुशियां मना रहा था घर- घर ,गली -गली, शहर -शहर जय श्री राम के नारे भजन-कीर्तन शोभा यात्रा निकाली जा रही थी। वही प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले 21 जनवरी को हिंसा की घटना सामने आई थी। इसके बाद मुंबई से सटे ठाणे जिले के मीरा- भाईंदर इलाके में तनाव फैल गया था। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद बुल्डोजर एक्शन सभी के सामने आया था। पुलिस ने वीडियो जारी करके उकसाने वाले अबू शेम शेख के सामने भी बड़ी कार्रवाई की थी। मीरा रोड हिंसा के बाद जहां हालात तनावपूर्ण से धीरे-धीरे सामान्य हो रहे थे। इसी बीच स्थानीय प्रशासन के सामने एक साथ दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है।यह चुनौती अब राजनीतिक दलों के दौरों को लेकर है। इतना ही नही राजनीतिक दौरों को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट सामने आ रहे है। आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद इम्तियाज जलील के इस इलाके से चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच पार्टी ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। पार्टी ने महाराष्ट्र ईकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डा. अब्दुल गफ्फार कुरैशी के चार कार्यक्रम रखे है। इनमें पार्टी नेताओं के साथ मीरा रोड हिंसा के पीड़ितों से मिलने के कार्यक्रम भी शामिल है। पार्टी ने 17 फरवरी और 18 फरवरी को कार्यक्रम रखे है। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि यह कार्यक्रम पार्टी सुप्रीमो असुदद्दीन ओवैसी के आदेश पर रखे गए है। वही दूसरी तरफ से 19 फरवरी को बीजेपी के फायरब्रांड विधायक टी राजा सिंह भी मीरा रोड पहुंच रहे है। और एआईएमआईएम के नेता और विधायक वारिस पठान ने कहा है कि मीरा रोड 19फरवरी को मैं भी जाऊंगा। पठान ने कहा कि वह टी राजा सिंह के कार्यक्रम में जाएंगे एआईएमआईएम और तेलंगाना बीजेपी नेता के विधायक टी राजा सिंह के कार्यक्रमों ने भी फिर से मीरा रोड के प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। टी राजा सिंह अपने भाषणों के लिए जाने जाते हैं। वे हैदराबाद की गोशामहल सीट से विधायक हैं। मीरा रोड का यह इलाका जहां पर हिंसा के बाद यूपी की तर्ज पर बुलडोजर एक्शन हुआ था। वह पूरा इलाका महाराष्ट्र की ठाणे लोकसभा में आता है। यहां से अभी शिवसेना के राजन विचारे सांसद हैं। वे पहली बार 2014में बीजेपी के टिकट पर जीते थे। इससे पहले इस सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस का कब्जा था। मीरा रोड से कुछ इलाके ऐसे में है। जहां पर मुस्लिम आबादी अधिक है। और कुछ इलाकों में मिश्रित आबादी है। अब ऐसे में प्रशासन के लिए दुबारा चुनौतीपूर्ण काम का माहौल बना हुआ है।