उत्तर प्रदेशप्रयागराज

मिशनरी संस्था के पूर्व बिशप ने अपनी ही पुत्री को बना डाला सीबीएसई स्कूल का प्रिन्सिपल।

छात्राओं और शिक्षकों का भविष्य ख़तरे में । पिछले कई वर्षों से नहीं दिया जा रहा है पीएफ, कैश में मिलती है तनख़्वाह।

प्रयागराज। शहर में संचालित मिशन रोड कटरा स्थित बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज जो कि सीबीएसई द्वारा कक्षा १० तक मान्यता प्राप्त है, जहाँ लगभग 800 से अधिक छात्राएँ पढ़ रही हैं । स्कूल में कार्य कर रहे शिक्षकों ने शनिवार को बैठक कर प्रदेश की योगी सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए अपने बकाया वेतन और कई वर्षों से नियोक्ता द्वारा नहीं जमा किया गया प्रोविडेंट फण्ड अंशदान की माँग किया है। शिक्षकों ने बताया कि स्कूल एक मिशनरी संस्था डायोसीस ऑफ लखनऊ ,चर्चेस ऑफ नार्थ इंडिया द्वारा संचालित किया जाता है जहाँ के पूर्व बिशप (ईसाई धर्मगुरु) पीटर बलदेव ने अपनी ही पुत्री पारुल सोलोमन को बिना किसी विज्ञापन प्रकाशन एवं बिना किसी साक्षात्कार के प्रिंसिपल पद पर नियुक्त कर लिया, जो कि प्रदेश सरकार की नियमावली के विरुद्ध है। शिक्षकों ने यह भी बताया कि सालों से उनको वेतन कैश में दिया जा रहा है, जिसकी कई बार शिकायत भी की गई और जाँचे भी आयीं परंतु सरकारी अधिकारी अपनी जेबें भर कर चले जाते हैं और नियोक्ता के पक्ष में रिपोर्ट बना देते हैं । हालत यह है कि स्कूल की प्रिंसिपल पारुल सोलोमन शिकायत करने पर नौकरी से निकालने तक की धमकी दे डालती हैं । उनका कहना है कि अल्पसंख्यक वर्ग की संस्था होने के कारण उन पर कोई कार्यवाही नहीं होगी। वहीं इस संबंध में शिक्षकों द्वारा पूर्व में बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली को भी पत्र लिखा परंतु उनकी ओर से भी कार्यवाही नहीं की गई । कुछ अधिकारियों द्वारा यह बोला गया कि प्रिन्सिपल की नियुक्ति संस्था का निजी विषय है, जबकि सीबीएसई नियमावली एवं शिक्षा का अधिकार क़ानून अधिनियम में शिक्षकों एवं प्रिन्सिपल की नियुक्ति अधिदेशात्मक है। शिक्षकों की माँग है कि स्कूल की प्रिंसिपल पारुल सोलोमन की नियुक्ति की जाँच कराई जाए तथा उनका बकाया प्रोविडेंट फण्ड अंशदान नियोक्ता के खाते से जमा कराया जाये जो कर्मचारियों का अधिकार है।

AKHAND BHARAT NEWS

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