कोटा /श्रीपुरा सुभाष सर्किल( पुराना बस स्टैंड) जहां सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित है जो स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े राजनेता थे, आज यह सर्किलअपने दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है, कभी यह शहर का खूबसूरत सर्किल हुआ करता था, सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर हर साल 26 जनवरी और 15 अगस्त पर राजनेता माला पहने तो आ जाते हैं, लेकिन उन राजनेताओं ने आज तक सुभाष चंद्र जी की मूर्ति के आगे लगने वाला कचरा पॉइंट को नहीं हटवाया, हमें आजाद करने वाले कचरा पॉइंट से आजाद नहीं हो पा रहे हैं, क्या कमी है किस कारण से यह कचरा पॉइंट नहीं है हट पा रहा है यह जांच का विषय है, ऐसा काफी सालों से चला आ रहा है कि यहां 26 जनवरी और 15 अगस्त को लाइट लगा कर डेकोरेट किया जाता है, राजनेता लोग माला पहनकर चले जाते हैं, उसके दूसरे दिन ही यहां कचरा का ढेर लग जाता है, जिस कारण से यहां के आसपास के व्यापारियों को साथ ही राहगीरों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है, कचरा पॉइंट ही मेन समस्या नहीं है, यहां सर्कल के आसपास ट्रैफिक का जमावड़ा लगा रहता है, ट्रैफिक वाले आते हैं गाडियां हटाकर चले जाते हैं उसके बाद फिर वहीं पर गाड़ियां लग जाती है, अभी तक प्रशासन की ओर से आश्वासन ही मिल रहा है,
सुभाष सर्किल व्यापार संघ के अध्यक्ष विपिन सोनी ने बताया कि यहां की यह परेशानी है की स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा कि इस कदर दुर्दशा कर रखी है कि सुभाष जी की प्रतिमा के आगे आसपास कचरा फैला रहता है, और अतिक्रमण और नो पार्किंग का बोर्ड भी लगा रखा है, इसके बावजूद भी यहां गाड़ियां खड़ी की जाती है, वर्षों से निरंतर व्यापारी संघर्ष कर रहे हैं कि प्रतिमा के आसपास से कचरा प्वाइंट हटे, इससे पहले सुभाष सर्किल पार्क बहुत अच्छा हुआ करता था, जिसमे व्यापारी संघ कई कार्यक्रम आयोजित करते थे, 26 जनवरी 15 अगस्त के कार्यक्रम मुख्य रूप से आयोजित किए जाते थे, चौराहा अब छोटा होने के कारण पूरे चौराहे पर गंदगी का ढेर, गाड़ियां ऑटो वाले रोड जाम कर रखा है, 30 40 ऑटो खड़े रहते हैं, इस समस्या के बारे में कोटा के राजनेताओं निगम को अवगत करवा दिया गया है, लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं देता है,