
फतेहपुर। जिला अस्पताल की निगरानी प्राचार्य अपने कार्यालय में बैठकर करेंगे। अस्पताल में सीसीटीवी के जाल बिछाने के साथ नेटवर्किंग को मजबूत किया जा रहा है। सीसीटीवी का कनेक्शन मेडिकल कॉलेज और एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन, दिल्ली) तक होगा। इससे अस्पताल कर्मचारियों की कार्यशैली पर अक्सर लगने वाले आरोपों में कमी आएगी।जिला अस्पताल में रोजाना करीब एक हजार से अधिक मरीज इलाज कराने आते हैं। अक्सर अस्पताल में मरीज और कर्मचारियों के बीच विवाद होता है। इसके अलावा अस्पताल में दलालों और बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश होने की बाते उछलती हैं। कर्मचारियों पर भी जांच, ऑपरेशन आदि के नाम पर रुपये लेने और दवा न देने के आरोप लगते हैं। इसके अलावा पर्चा और दवा वितरण कक्ष में दिन भर मरीजों की लाइन लगी रहती है।
इन सब आरोपों पर अंकुश लगाने और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए जिला अस्पताल परिसर में 20 सीसीटीवी लगाए गए हैं। खास बात है कि सीसीटीवी का कनेक्शन अस्पताल के अलावा मेडिकल कॉलेज तक होगा। जहां अपने कार्यालय में बैठे प्राचार्य अस्पताल की सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगे। जरूरत पड़ने पर सीसीटीवी के एक्सेस को एनएमसी तक भेजा जा सकता है। वहीं डॉक्टर और कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमैट्रिक के माध्यम से कराने की तैयारी की जा रही है। जिससे कोई डॉक्टर और कर्मचारी बिना बताएं अपनी ड्यूटी से नदारद न हो सके।
जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। अब नेटवर्किंग मजबूत करने का काम किया जा रहा है। अस्पताल की सारी गतिविधियों पर मेडिकल कॉलेज से नजर रखी जाएगी।