
रिपोर्टर मनमोहन गुप्ता कामां 9783029649
पंचायत उपचुनाव के बाद भाजपा v/s भाजपा आमने सामने
कामां- डीग जिले के कामा एवं पहाड़ी क्षेत्र में गत दिनों हुए पंचायत समिति के प्रधान पद के चुनाव ने राजस्थान की सियासत में हलचल मचा दी है। विधायक नौक्षम चौधरी ने पिछले दिनों प्रधान चुनाव के बाद वर्तमान मंत्री को लेकर आरोप भी लगाए थे जिसपर अब भाजपा की 25 एवं 26 अगस्त को हुई संवाद समन्वय बैठक में मंत्री जवाहर सिंह बेढम और युवा विधायक नौक्षम चौधरी आमने-सामने आ गए है।
प्राप्त जानकारी अनुसार भाजपा ने यह बैठक सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल बनाने के उद्देश्य से बुलाई थी जिसमें सीएम भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सहित पार्टी के अन्य कई दिग्गज नेता, सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष शामिल हुए थे। बैठक में चर्चा का मुख्य एजेंडा “आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति, राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन और अगले बजट के लिए जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेना” था साथ ही “पंचायतीराज और निकाय चुनावों की तैयारियों पर भी फोकस” किया जाना था।
प्राप्त जानकारी अनुसार भाजपा की इस बैठक का माहौल तब बिगड़ गया जब कामां प्रधान चुनाव को लेकर विधायक नौक्षम चौधरी और मंत्री जवाहर सिंह बेढम में तकरार हो गई। सूत्रों के मुताबिक विधायक नौक्षम ने आरोप लगाया था कि चुनाव में बाहरी दखल अंदाजी हो रही है और कुछ अधिकारी सही ढंग से काम नहीं कर रहे। मंत्री बैडम ने नागवार गुजरी इस बात पर कहा कि “निराधार आरोप लगाने से पार्टी की छवि खराब होती है”। मंत्री बैडम के बयान पर विधायक नौक्षम ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि “वह अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाने का पूरा अधिकार रखती हैं” तथा दावा किया कि “कामां का प्रधान तो वही खुद तय करेंगी”।
प्राप्त जानकारी अनुसार विधायक नौक्षम के इस बयान ने मंत्री बैडम के वर्चस्व को सीधी चुनौती दी और बैठक का माहौल गरमा गया तथा हालात बिगड़ते देख भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी बीच में आए और दोनों नेताओं को शांत कराया। सीपी जोशी ने समझाया कि पार्टी के भीतर मतभेदों का समाधान आपसी संवाद से किया जा सकता है, सार्वजनिक विवाद से नहीं। उक्त घटना भाजपा के भीतर बढ़ती खींचतान की झलक देती है, जहां सत्ता और संगठन के बीच संतुलन साधना अभी भी बड़ी चुनौती बना हुआ है।