
🔴 पृष्ठभूमि:
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक रैली में चौंकाने वाला खुलासा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्हाइट हाउस दौरे के दौरान उनके काफिले का रास्ता बदलवाया था। ट्रंप का कहना है कि वह नहीं चाहते थे कि पीएम मोदी वॉशिंगटन डीसी की गंदी और अव्यवस्थित सड़कों, तंबुओं, ग्रैफिटी, और टूटी-फूटी बैरिकेडिंग को देखें।
🇺🇸 ट्रंप का बयान: “मैं नहीं चाहता था कि मोदी ऐसा अमेरिका देखें”
ट्रंप ने कहा:
“जब भारत के प्रधानमंत्री मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पिछले सप्ताह मुझसे मिलने आए थे, तो मैंने उनका रास्ता बदलवाया। मैं नहीं चाहता था कि वे वॉशिंगटन डीसी की तंग गलियों, सड़कों पर लगे टेंट, ग्रैफिटी और गंदगी को देखें।”
उन्होंने आगे कहा:
“हमने उनका रास्ता ऐसा तय किया कि वे केवल साफ-सुथरा, भव्य और सुंदर वॉशिंगटन देखें। हम चाहते थे कि जब विदेशी मेहमान आएं तो हमारी राजधानी की छवि बेहतरीन दिखे।”
🧾 क्यों बदला गया रास्ता?
डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार, जब विदेशी राष्ट्राध्यक्ष अमेरिका आते हैं, तो वह चाहते हैं कि उन्हें अमेरिका की सर्वश्रेष्ठ छवि दिखाई जाए, न कि वह हिस्से जो आवासीय संकट और होमलेस कैंपों के कारण बदहाल हो चुके हैं।
उनके मुताबिक, विदेश मंत्रालय के पास ही अवैध टेंट, भिखारी, और टूटी सड़कें दिखाई देती थीं, जो अमेरिका की छवि को कमजोर कर सकते थे। इसलिए ट्रंप प्रशासन ने ये तय किया कि प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक ऐसे रूट से गुजरे जहाँ साफ-सफाई, हरियाली, और आधुनिकता हो।
🌍 राजनीतिक संकेत और निहितार्थ:
इस बयान से दो अहम संकेत मिलते हैं:
- ट्रंप की छवि प्रबंधन की रणनीति:
ट्रंप चाहते थे कि मोदी जैसे ताकतवर और प्रभावशाली नेता अमेरिका के प्रति अच्छा दृष्टिकोण रखें। इसीलिए उन्होंने राजधानी को “मेकअप” करवा दिया — ताकि मोदी और अन्य वैश्विक नेताओं को अमेरिका की गिरती सामाजिक स्थिति का सामना न करना पड़े। - अमेरिका में बिगड़ती स्थिति पर ट्रंप की आलोचना:
ट्रंप का यह बयान मौजूदा बाइडन प्रशासन की आलोचना भी है। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि आज की वॉशिंगटन डीसी अव्यवस्थित, असुरक्षित और गंदी हो गई है, जो विदेशी नेताओं के सामने शर्मिंदगी का कारण बन सकती है।
🇮🇳 भारत-अमेरिका संबंधों में यह कितना अहम?
पीएम मोदी और ट्रंप के बीच एक दोस्ताना रिश्ता हमेशा से चर्चा में रहा है। ट्रंप का यह बयान दिखाता है कि वे मोदी को कितनी अहमियत देते थे। “Howdy Modi” और “Namaste Trump” जैसे आयोजनों ने दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत केमिस्ट्री को और मजबूत किया।
इस तरह के कदम से यह भी ज़ाहिर होता है कि भारत को अब वैश्विक राजनीति में गंभीरता से लिया जा रहा है, और विश्व के नेता भारत के प्रधानमंत्री की यात्रा को महत्व देते हैं।