
लकड़ी माफियाओं से मिलकर क्षेत्रीय वन अधिकारी और वन दरोगा के संरक्षण में हरे भरे पेड़ो की अंधाधुंध कटान जारी
राठ (हमीरपुर): क्षेत्र में क्षेत्रीय वन अधिकारी और वन दरोगा के संरक्षण में लकड़ी माफियाओं से मिलकर बुंदेलखंड की शान हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ो की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। जिसमे शासन द्वारा छूट प्रजाति के अलावा प्रतिबंधित वृक्षों में आम, नीम, महुआ, पीपल और बरगद आदि के पेड़ो को काटकर पर्यावरण व परिवेश के लिए खतरा बना दिया है। और वन अधिनियम का जिले में खुलेआम उल्लंघन करते हुए वन संपदा को नष्ट किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो क्षेत्र के सदर कैंथा के वनों में क्षेत्रीय वन अधिकारी और वन दरोगा सतीश कुमार रातों रात मशीन चलवाकर मिनटों में प्रतिबंधित और छूट प्रजाति के पेड़ो को कटवाकर मोटी रकम कमा रहे है। इसके साथ साथ सूत्र बताते हैं कि वन दरोगा सतीश कुमार की मिलीभगत से बुधवार की रात जलालपुर रोड पर स्थित एक आरा मशीन पर कुछ शीशम के पेड़ कटवाकर बेचने की फिराक में था। लेकिन जैसे ही कस्बा वासियों और कुछ संगठन के लोगो को मालूम चला तो वन दरोगा ने आरा मशीन से शीशम की लकड़ी को लेजर वन विभाग राठ में रखवा दी। कस्बा में चर्चा यह भी है कि वन दरोगा सतीश कुमार रातों रात पेड़ो को कटवाकर मलोहा रोड और उरई रोड स्थित मुस्तकीन अहमद की अड्डी पर भेजकर माला माल हो रहे हैं। निश्चित रूप से वन विभाग की मिलीभगत से क्षेत्र में लगातार हरे भरे वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। जिससे पर्यावरण का संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया है। जिसका परिणाम आने शुरू हो गए हैं। लेकिन जिला प्रशासन की यदि यही उदासीनता रही तो वह दिन दूर नहीं जब हम सबके सामने घातक परिणाम सामने होंगे और चाह कर भी हम कुछ भी नही कर पाएंगे। इसलिए अभी भी समय है जाग जाइए और हरे भरे पेड़ो की कटान करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अतः जिला प्रशासन को चाहिए कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कदम उठाते हुए वन विभाग के संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि बुंदेलखंड के हरे भरे पेड़ो को बचाया जा सके। ताकि हमारी धरती हरी भरी बनी रहे।